नई दिल्ली, लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों के ऐलान के साथ ही देश में चुनाव आयोग सबसे सशक्त संवैधानिक संस्था होगी। तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी और सरकार के पास नीतिगत फैसले लेने का अधिकार सीमित हो जाएगा। चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा कि लोकसभा चुनाव और कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए शनिवार को दोपहर तीन बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया जाएगा। आपको बता दें कि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है और नयी लोकसभा का गठन उससे पहले होना है। आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा में विधानसभाओं का कार्यकाल जून में अलग-अलग तारीखों पर खत्म हो रहा है। इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि इन राज्यों में भी लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग कराई जा सकती है।

चुनाव को लेकर क्या है आंकड़े?

चुनाव आयोग द्वारा तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनावी महापर्व का माहौल शुरू हो जाएगा। यहां जान लेना जरूरी है कि लोकसभा चुनाव में कितने बड़े पैमाने पर संसाधनों का उपयोग होता है और उसका लेखा जोखा क्या है। लोकसभा चुनावों में 12 लाख से अधिक मतदान केंद्रों पर करीब 97 करोड़ लोग मतदान करने के लिए अधिकृत होंगे।

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लोकसभा चुनाव 2019 में कैसे कराए गए थे इलेक्शन?

2024 लोकसभा का चुनाव बहुत अलग हटकर नहीं होगा। माना जा रहा है कि चुनाव आयोग ने जिस तरह की व्यवस्था 2019 में की थी उससे थोड़े फेरबदल के साथ 2024 का चुनाव कराया जाएगा। 2019 में 10 मार्च को चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया था। पहले चरण की वोटिंग 11 अप्रैल और आखिरी चरण के लिए 19 मई को वोटिंग हुई थी। नतीजे 23 मई को आए थे। उस चुनाव के वक्त देश में 91 करोड़ से ज्यादा वोटर्स थे, जिनमें से 67 फीसदी ने वोट डाला था।

2024 में रजिस्टर्ड वोटर्स की संख्या 6% का इजाफा
2019 में हुए लोकसभा चुनाव के मुकाबले रजिस्टर्ड वोटर्स की संख्या में 6% की बढ़ोतरी हुई है। चुनाव आयोग ने 8 फरवरी को सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के वोटर्स से जुड़ी स्पेशल समरी रिवीजन 2024 रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक वोटिंग लिस्ट में 18 से 29 साल की उम्र वाले 2 करोड़ नए वोटर्स को जोड़ा गया है।

पीएम मोदी ने देश के नाम जारी किया पत्र
चुनावी तारीखों के ऐलान से ठीक पहले पीएम मोदी ने देश के लोगों को संबोधित एक भावुक पत्र जारी किया है। जिसमें प्रधानमंत्री ने देश की जनता को परिवारजनों के तौर पर संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने पत्र में प्रधानमंत्रीत्व काल के दौरान किये बड़े कामों की फेहरिस्त गिनाई है। साथ ही उम्मीद जाहिर की कि लोगों का भरोसा उनकी सरकार पर बना रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम लोगों से देश को विकसित करने के लिए सुझाव भी मांगे हैं।

लोकसभा चुनाव के साथ ही किन राज्यों में हो सकते हैं चुनाव
चुनावी खर्चे को कम करने के लिहाज से चुनाव आयोग की कोशिश होती है कि लोकसभा चुनाव के साथ ही जिन राज्यों में विधानसभा की अवधि पूर्ण हो चुकी है वहां भी एक साथ वोटिंग करा ली जाय। ताकि संसाधनों पर अधिक खर्च न करना पड़े और आम लोगों को भी सहूलियत हो। बता दें कि ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और आज ही इन राज्यों में चुनावी तारीखों का ऐलान भी किया जा सकता है।

85+ के बुजुर्ग मतदाताओं के लिए विशेष सुविधा
चुनाव आयोग बुजुर्ग मतदाताओं का विशेष खयाल रखता है। 85 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग मतदाता पोस्टल बैलट के जरिए अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। हालांकि पहले ये सुविधा 80 साल से अधिक उम्र के लोगों को मिली हुई थी जिसे बढ़ाकर अब 85 साल किया गया है। चुनाव आयोग की सिफारिश के बाद 1 मार्च को सरकार ने बुजुर्ग मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट से वोटिंग करने वाले चुनावी नियम में बदलाव किया है।

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