हैदराबाद, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि साल 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वर्ष 2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर के अनुमानित बाजार के साथ अत्यधिक परिपक्व और विकसित रियल एस्टेट क्षेत्र की जरूरत होगी। रियल्टी कंपनियों के संगठन CREDAI के यूथ विंग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पुरी ने कहा कि रियल एस्टेट नियामक कानून ‘RERA’ का लागू होना पूरे क्षेत्र के लिए एक परिवर्तनकारी घटनाक्रम रहा है।

कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर में भी उछाल
हरदीप पुरी ने कहा, ‘‘वर्ष 2047 तक विकसित भारत को आवासीय और कमर्शियल दोनों क्षेत्रों में अत्यधिक परिपक्व और विकसित रियल एस्टेट क्षेत्र की भी जरूरत होगी.’’ उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि डेटा सेंटर और वेयरहाउसिंग सहित कमर्शियल रियल एस्टेट में निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं। इसके अलावा रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REITs) की शुरुआत से भी रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने में मदद मिली है।

अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े क्षेत्रों में से एक के पास लगभग 70 सालों तक कोई नियामक नहीं होना आश्चर्यजनक था।” उन्होंने कहा कि देश भर में 1,22,553 रियल एस्टेट परियोजनाएं और 86,262 रियल एस्टेट एजेंट इस नियामक के साथ पंजीकृत हैं। हालांकि उन्होंने यह माना कि कुछ राज्य RERA के कार्यान्वयन में दूसरों से बेहतर कर रहे हैं। पुरी ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र देश का दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है।

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रियल इस्टेट का GDP में योगदान 15% होगा
उन्होंने कहा, “अनुमान है कि यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 15 फीसदी का योगदान देगा और वर्ष 2030 तक बाजार का आकार एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा.” पुरी के मुताबिक देश की बढ़ती शहरी जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्ष 2030 तक 2.5 करोड़ अतिरिक्त किफायती आवासों की जरूरत होगी।

भारत में मुंबई, पुणे और हैदराबाद हैं प्रॉपर्टी मार्केट सर्चेज में सबसे आगे: रिपोर्ट
Housing.com की ताजा रिपोर्ट में घर खरीदारों की ऑनलाइन एक्टिविटी का विश्‍लेषण किया गया। रिपोर्ट में भारतीय आवासीय रियल एस्‍टेट सेक्‍टर की 2024 में अपेक्षित जारी वृ‍द्धि का श्रेय मुंबई, पुणे और हैदराबाद जैसे महानगरों को दिया गया है। इन शहरों को बाजार में तेज गतिविधि का एपिसेंटर बताया गया। बड़े होम कॉन्फिग्‍युरेशंस के लिये, खासकर 3+BHK अपार्टमेंट्स के लिये ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। माना जाता है कि साल 2023 में बड़े घर खरीदने का ट्रेंड छह गुना बढ़ा है। लोगों में लक्‍जरी लिविंग के लिये बढ़ते आकर्षण को देखते हुए रियल इस्टेट को बड़े फायदे की उम्मीद है। उम्‍मीद है कि 2024 में लक्‍जरी अपार्टमेंट्स, खासकर 1-2 करोड़ और उससे ज्‍यादा के ब्रैकेट, के लिये मांग बढ़ेगी। इस सेगमेंट में 2023 में ऑनलाइन प्रॉपर्टी सर्च वॉल्‍यूम सालाना 7.5 गुना बढ़ा है। Housing.com, PropTiger और Makaan के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा, “भारतीय रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में 2023 एक महत्‍वपूर्ण साल रहा। इस साल अभूतपूर्व वृद्धि और मजबूती देखने को मिली। बढ़ी हुई ब्‍याज दरों और वैश्विक अनिश्चितताओं जैसी चुनौतियों के बावजूद उद्योग ने मजबूती दिखाई है। अप्रैल में दामों में बढ़ोतरी रोकने के लिये आरबीआई के फैसले और महामारी के बाद बढ़ी हुई मांग ने खरीदारों का भरोसा उल्‍लेखनीय ढंग से बढ़ाया।

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