उद्यमी व FTCCI अध्यक्ष मीला जयदेव के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत

हैदराबाद: FTCCI  के अध्यक्ष मीला जयदेव (Meela Jaidev) किसी परिचय के मोहताज नहीं, बल्कि अपनी कर्मठता और समर्पण के दम पर इन्होंने उद्योग जगत में बड़ा नाम कमाया है। जी हां, हम उसी 107 साल पुरानी संस्था FTCCI के मौजूदा अध्यक्ष मीला जयदेव की बात कर रहे हैं। जिन्होंने अपने पिता, परिवार के बाकी सदस्यों और खुद के दम पर Sudhakar Pipes and fittings को एक ब्रांड बनाया। बड़े उद्योग समूह में बतौर निदेशक की भूमिका निभाने के साथ ही मिला जयदेव अपने 70 फीसदी वक्त FTCCI को देते हैं जो विशुद्ध रुप से उनके सामाजिक समर्पण के भाव को दर्शाता है।

हमने जब FTCCI भवन में उनसे मुलाकात की तो उनका व्यवहार बेहद सौम्य और सौहार्द्रपूर्ण था। उन्होंने मीडिया इंटरव्यू के लिए सहर्ष अपनी रजामंदी दी, और बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। हमने सबसे पहले उन्हें FTCCI अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी और संस्था और इसके काम काज के बारे में पहला सवाल किया। मीला जयदेव इस बात को लेकर गौरवांवित थे कि 107 साल पुराने संगठन को लीड करने का उन्हें मौका मिला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संस्था की प्रतिष्ठा के लिहाज से उन्हें अध्यक्ष पद पर पहुंचने में 20 साल लगे। दो दशकों से मैनेजिंग कमिटी सदस्य और सीनियर वाइस प्रेजिडेंट की भूमिका के बाद अब जाकर उन्हें बतौर अध्यक्ष कमान सौंपी गई है।

वाकई अगर हैदराबाद प्रक्षेत्र में 107 साल पहले ही उद्यमियों का संगठन खड़ा हो चुका था तो इस लिहाज से इस इलाके में इंडस्ट्री का बड़ा विस्तार दिखना चाहिए। बड़े सुलझे अंदाज में जयदेव साहब ने इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि औद्योगिक हितों की रक्षा के लिए भले निजाम राज में संगठन की शुरुआत हुई थी। जबकि वास्तविक औद्योगीकरण का दौर करीब ढ़ाई दशक पहले शुरू हुआ। जिसके बाद से ही FTCCI की जिम्मेदारियां और काम बढ़ते गए। तमाम तरह की जटिलताओं के साथ हमने तत्कालीन एकीकृत आंध्र प्रक्षेत्र में उद्योगों के विस्तार में सहयोग किया।

Poultary

बतौर अध्यक्ष क्या करेंगे फेरबदल?

अध्यक्ष बनने के बाद क्या हम FTCCI में सांगठनिक बदलाव की उम्मीद कर सकते हैं। बेहद सौम्य अंदाज में मीला जयदेव ने कहा कि कमिटी चुनकर आती है और सदस्यों का हमेशा अध्यक्ष को सहयोग मिलता है। FTCCI में करीब 22 एक्सपर्ट कमिटियां हैं जिसे हम अमूमन नहीं छेड़ते हैं। ये एक्सपर्ट कमिटियां विभिन्न विषयों पर अध्ययन करती है और उद्योगों के बेहतर विकास को लेकर सुझाव या ज्ञापन तैयार करती है। जिसे हम सरकार को देते हैं ताकि व्यापारी वर्ग को इसका फायदा मिले। कई व्यापारिक संगठन सीधे तौर पर हमसे जुड़े होते हैं और हम उनकी जायज मांगें प्रभावी तरीके से सरकार तक पहुंचाते हैं।

ट्रेड लाइसेंस टैक्स को लेकर संघर्ष जारी
मीला जयदेव ने मिसाल के तौर पर ट्रेड लाइसेंस टैक्स को लेकर अपनी राय रखी। बीते बीस सालों से व्यापारियों के लिए ट्रेड लाइसेंस टैक्स अधिकतम 7000 निर्धारित है। जबकि सरकार ने नई व्यवस्था के तहत स्क्वैयर फीट के हिसाब से ट्रेड लाइसेंस टैक्स तय करने का फैसला किया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी दुकान का एरिया एक लाख स्क्वैयर वर्ग फीट है तौ दो रुपए के लिहाज से भी उन्हें दो लाख टैक्स सरकार को भरना पड़ेगा जो किसी भी सूरत में जायज नहीं है। इस मुद्दे पर FTCCI के सुझाव सरकार के पास लंबित है और अगर जीत मिलती है तो लाखों कारोबारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

बड़े उद्योग की क्या है जरूरतें
वहीं बड़े उद्योगों की बात की जाय तो उनकी सबसे अहम जरूरत होती है बड़े भूखंड का अलॉटमेंट। जयदेव के मुताबिक हम उद्योग समूज के प्रस्ताव पर सरकार को इस बाबत जरूरी सुझाव भी देते हैं। FTCCI अध्यक्ष ने सरकार की Tpass व्यवस्था की सराहना की। जिसके जरिए ऑनलाइन आवेदन किये जा सकते हैं साथ ही निर्धारित 21 दिनों के भीतर सभी तरह के लाइसेंस भी मुहैया कराए जाते हैं।

प्लास्टिक बैन को लेकर रखी राय
मीला जयदेव ने खुले मन से कहा कि इंडस्ट्रीज का हमेशा से पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के लिए सहयोग रहा है। खासकर प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के लिहाज से सरकार ने व्यावहारिक रुख अपनाया है जो सराहनीय है। फिलहाल तेलंगाना में कम थिकनेस वाले पॉलीथिन प्रतिबंधित है। जयदेव ने जोर देकर कहा कि हम प्लास्टिक की उपयोगिता को नकार नहीं सकते हैं। कम थिकनेस वाले प्लास्टिक को सरकार द्वारा प्रतिबंधित करना जायज है। जयदेव के मुताबिक प्लास्टिक वेस्ट में 10 प्रतिशत को आवश्यक रूप से बिटमन रोड में इस्तेमाल की बाध्यता सरकार को करनी चाहिए। इसके अलावा प्लास्टिक का इस्तेमाल गार्मेंट इंडस्ट्री में भी है। मीवा जयदेव ने तेलंगाना के हर जिले में प्लास्टिक रिसाइक्लिंग यूनिट बनाने की जरूरत बताई।

ग्रोथ के लिए जरूरी है कनेक्टिविटी
मीला जयदेव ने कहा कि हर जिले में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के लिहाज से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करना और इसके लिए सड़कों की कनेक्टिविटी को और विस्तार देने की दरकार है। उनके मुताबिक सिर्फ सरकार के भरोसे रोजगार सृजन नहीं हो सकता है। इसके लिए इंडस्ट्री सेटअप करना जरूरी है। सिद्दीपेट, आदिलाबाद और महबूबनगर में कुछ काम FTCCI की अनुशंसा और सरकार के प्रयासों से हुआ है, जबकि अभी बहुत कुछ करना बाकी है।

रियल इस्टेट क्या वाकई विकास का पैमाना
हैदराबाद में रियल इस्टेट के दाम में इजाफा क्या वाकई महानगर के विकसित होने को इंगित करता है। जयदेव ने जमीन के भावों में इजाफे को लेकर कई पैमाने गिनाए। उन्होंने कहा कि सरकार आज मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स को परमिशन दे रही है। जिसके चलते जमीन के शहरों में भाव बढ़ रहे हैं। हैदराबाद में हाल के दिनों में निवेश बढ़़ा है, लोग इस शहर में बसना चाहते हैं। अधिक डिमांड के चलते भी हैदराबाद में जमीन की कीमतों में बढ़़ोत्तरी हो रही है। सरकार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि तेलंगाना में निवेश को लेकर सरकार कई रियायतें दे रही है। साथ ही औपचारिकताओं के लिए ऑनलाइन क्लियरेंस की व्यवस्था है जिसे महज 21 दिनों में ही पूरा करना होता है। इन सबके चलते हैदराबाद के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है।

Jaydev Meela with Madhya Pradesh Official for Industry negotiation

ट्रेडर्स और इंडस्ट्री को क्या संदेश
FTCCI के विषय में आखिरी सवाल हमने जयदेव से पूछा कि बतौर अध्यक्ष आप उद्यमियों को क्या संदेश देंगे। इसके जवाब में उन्होंने भरोसा दिलाया कि संगठन उद्यमियों के हितों की रक्षा में तत्पर है, साथ ही तेलंगाना के उद्यमियों या व्यापारियों को किसी तरह की समस्या हो तो वे खुले मन से एफटीसीसीआई में संपर्क करें। जयदेव के मुताबिक संगठन उनकी परेशानियों पर गौर करेगा और सरकार तक प्रभावी तौर पर पहुंचाएगा भी।

सुधाकर पाइप्स एण्ड फिटिंग्स की कैसे हुई शुरुआत?
प्रतिष्ठित सुधाकर पाइप्स एण्ड फिटिंग्स में मीला जयदेव बतौर डायरेक्ट सेवाएं दे रहे हैं। इंडस्ट्री की शुरुआत इनके पिता मीला सत्यनारायणा जो किसान, शिक्षक और जाने माने स्वतंत्रता सेनानी थे, ने सत्तर के दशक में की थी । जयदेव ने कहा कि उनका परिवार वैश्य समाज से आता है लिहाजा पारिवारिक रुझान हमेशा व्यवसाय को लेकर रहा। पिता ने सबसे पहले राइस मिल का कॉन्ट्रैक्ट लिया, जिसमें उन्हें दादा का भी सहयोग प्राप्त था। उस जमाने में सरकार द्वारा नियुक्त इंडस्ट्री प्रमोशन अधिकारी हुआ करते थे जो खासकर ग्रामीण इलाकों में उद्योग लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते थे। अधिकारियों से दिशानिर्देशन मिलने के बाद पिता ने पाइप इंडस्ट्री के लिए बम्बई से मशीनें खरीदी। घर से पचास हजार की पूंजी लगाई और डेढ लाख का लोन लेकर इंडस्ट्री शुरू किया। उस जमाने में वायरिंग के लिए प्लास्टिक पाइप को लेकर लोगों में तमाम आशंकाएं थीं। लोग ओपन वायरिंग कराते थे और इनर वायरिंग को लेकर पाइप टूटने की आशंका उनमें होती थी। हमारे पिता ने प्रोडक्ट प्रमोट करने के लिए आरएण्डडी किया। खुद खड़े होकर कई गांवों में प्लास्टिंग वायरिंग कराई। धीरे धीरे आमदनी हुई तो इंडस्ट्री के विस्तार में उसे लगा दिया। शुरुआती दिनों में दो सालों तक आर्थिक हालत बेहद खऱाब थी। हमें इंडस्ट्री चलाने के साथ ही ढ़ाई सौ माहवार की नौकरी भी करनी पड़ी।

Jaydev Meela in FTCCI Hyderabad

फिलहाल सुधाकर ग्रुप 10 हजार टन महीने का उत्पादन करता है। सुधाकर पाइप्स को ब्रांड कैसे बनाया, इस सवाल पर जयदेव ने पूरी ईमानदारी से कहा कि हमने क्वालिटी से कभी समझौता नहीं किया। उन्होंने समझाया कि अगर इनर वायरिंग के लिए आप सस्ते प्रोडक्ट या पाइप का इस्तेमाल करते हैं तो हो सकता है आपको परेशानी हो जाय। लेकिन सुधाकर पाइप्स का इस्तेमाल करते हैं तो आप क्वालिटी को लेकर निश्चिंत रह सकते। हम प्लास्टिक पाइप्स से जो कमाते हैं उस मुनाफे को इसी इंडस्ट्री में झोंक देते हैं। जबकि लाभ का कम ही अंश पारिश्रमिक के तौर पर परिवार को मिल पाता है।

सुधाकर पाइप्स के विस्तार की योजना
मीला जयदेव ने बताया कि साउथ इंडिया में नाम कमाने के बाद अब उत्तर और पश्चिमी भारत सुधाकर पाइप्स के बाजार को मजबूत करना है। उनके मुताबिक मध्य प्रदेश में कुछ काम की शुरुआत हो चुकी है। बता दें कि सुधाकर पाइप्स की सबसे पहली फैक्ट्री तेलंगाना के सूर्यापेट में 1971 में लगाई गई थी। जयदेव उत्साह से बताते हैं कि हमारे भाइयों और मुझे तब घर चलाने के लिए अलग से ढाई सौ रुपए माहवार की नौकरी करनी पड़ी थी। पिता की प्रेरणा से परिवार हतोत्साहित नहीं हुआ। यहां तक कि माताजी का सोना गिरवी रखकर इंडस्ट्री को खड़ा किया गया। जयदेव बताते हैं कि शुरुआत के चार सालों तक हमें कोई मुनाफा नहीं हुआ। लोगों की तरफ से ताने मिलते थे लेकिन हमने उन्हें तवज्जो नहीं दी। आज हम सूर्यापेट में सबसे बड़ी इंडस्ट्री के तौर पर स्थापित हैं।

युवाओं के लिए संदेश
खुद के अनुभव और एक सफल उद्यमी के नाते हमने मीला जयदेव से गुजारिश की कि वे युवा उद्यमियों को कुछ संदेश दें। उनके जवाब में बेहद सादगी और साफगोई नजर आई। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री लगानी है तो कम से कम पांच सालों तक मुनाफे की उम्मीद छोड़कर 18 घंटे काम करना होगा। दूसरे साल थोड़े बहुत अगर आमदनी हो तो उसे लग्जरी में खर्च न करें। तकनीक के हिसाब से खुद को ढालें। बिजनेस के दिखावे में पड़ने को लेकर जयदेव ने सख्त हिदायत दी। युवाओं से उन्होंने कहा कि बैंक से अगर लोन लिया है तो उसे इंडस्ट्री के विकास में ही खर्च करना है, भूलकर भी व्यक्तिगत उपयोग में नहीं लाना। जयदेव की सीख युवाओं के लिए किसी गुरुमंत्र से कम नहीं। साथ ही उनके प्रभावी नेतृत्व में तेलंगाना में औद्योगिक विकास की पूरी उम्मीद की जा सकती है।

  • विजय कुमार
Bharati Cement