हैदराबाद, तेलंगाना में आर्थिक उपलब्धि को लेकर पूर्व मंत्री के तारक राव ने पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार की पीठ थपथपाई है। सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा, “पिछले दशक (2004-13) में नवाचारों (Innovations) में 0.1% हिस्सेदारी से पिछले दशक (2014-23) में 4% हिस्सेदारी तक” इसके साथ ही केटीआर ने एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान की रिपोर्ट को भी अपने पोस्ट में टैग किया। जिसके मुताबिक 4% इंक्रीज के साथ तेलंगाना इन्नोवेशन्स में सभी राज्यों में टॉप स्थान पर है। खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, फिजिक्स, बायोटेक्नोलॉजी, सिविल और मेटलर्जी ये कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां इन्नोवेशन्स के लिए भारत में पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक तेलंगाना ने अनुकूल परिस्थितियों को लाभ लेते हुए बाकी राज्यों की तुलना में नए व्यावसायिक प्रयोगों को तरजीह दी है।
Ecowrap की अद्यतन रिपोर्ट ‘3I (India, Incubating, Innovations)’ के मुताबिक इन्नोवेशन्स में गुजरात ने बीते एक दशक के दौरान अपनी अच्छी हिस्सेदारी की है।
जबकि तेलंगाना, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा इंटलेक्चु्अल प्रोपर्टी इन्नोवेशन्स स्पेस में अच्छी प्रगति की है। रिपोर्ट के मुताबिक 2004-13 के दौरान तेलंगाना में इन्नोवेशन्स को लेकर महज 0.1% की हिस्सेदारी थी। जबकि 2014-23 के दौरान ये बढ़कर 4% हो गई जो तेलंगाना के लिए अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। बता दें कि तेलंगाना में बीआरएस सरकार के शासन का दौर रहा। इस दरम्यान तत्कालीन मंत्री केटीआर की विकास को लेकर सक्रिय भागीदारी थी। हालांकि अब राज्य में शासन कांग्रेस का है, और हाल ही में लोकसभा चुनाव भी आसन्न है। केटीआर ने अपने ट्वीट के माध्यम से ये जताने की कोशिश की है कि उनकी पार्टी के शासनकाल में तेलंगाना ने आर्थिक मोर्चे पर अच्छी प्रगति की थी।
फिलहाल तेलंगाना में मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की कांग्रेस पार्टी नीत सरकार है। नई सरकार ने भी राज्य और खासकर हैदराबाद के विकास का खाका तैयार किया है। आम लोगों को उम्मीद है कि मौजूदा सरकार भी पूर्ववर्ती सरकार की तरह ही महानगर के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कुछ नया करने की पहल करेगी। बिजनेस मोर्चे पर फिक्की सहित विभिन्न संगठनों ने सरकार से सहयोग की अपेक्षा की है। हालिया आर्थिक रिपोर्ट्स तेलंगाना को लेकर काफी फेवरेबल रहे हैं। जानकारों की मानें तो राज्य में विकास को लेकर प्रयास सतत जारी रहे तो आर्थिक पैमाने पर देशभर में तेलंगाना का बोलबाला बना रह सकता है।
“2004-13 के बीच, सिंगल इंवेंटर्स द्वारा किये गए तकनीकी आविष्कारों में से केवल 22.9% भारत के थे। हालाँकि, भारतीयों के आविष्कारों की हिस्सेदारी 2014-23 के बीच बढ़कर 35.5% हो गई, ”उभरती प्रौद्योगिकियों के विशेषज्ञ और सेवन सीज़ एंटरटेनमेंट के एमडी एल मारुति शंकर ने ये बातें कही। हालाँकि तेलंगाना ने पहले इन्नोवेशन्स सूचकांकों में शीर्ष स्थान हासिल किया है, लेकिन हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि तेलंगाना ने इन्नोवेशन्स हिस्सेदारी में अपनी छाप छोड़ी है।
2004-13 में नवाचार में उत्तराखंड की हिस्सेदारी 0.7% थी, जो अगले दशक में 2.3% तक पहुंच गई। रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, पुडुचेरी और हिमाचल प्रदेश भी भारत में नवाचार विकास में तेजी से योगदान दिया है। अधिकारियों ने कहा कि तेलंगाना सरकार विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने की योजना बना रही है। आईटी, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव जयेश रंजन ने कहा, “ग्रामीणों को इन्नोवेशन्स के लिए प्रोत्साहित करने हेतु एक नई लघु और सूक्ष्म उद्यमियों की नीति लाने का भी प्रस्ताव है।”
नवाचार (innovation) पर बूटकैंप
राजस्थान एआईसीटीई और शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित इनोवेशन, डिजाइन और उद्यमिता बूटकैंप की मेजबानी करेगा। बूटकैंप छात्र नवप्रवर्तकों और नवप्रवर्तन एम्बेसडर्स को उत्पाद डिजाइन और व्यवसाय विकास जैसे पहलुओं पर प्रशिक्षित करेगा। बूटकैंप में 10 राज्यों और 100 संस्थानों से 300 प्रतिभागी और 40 से अधिक संकाय सलाहकार भाग लेंगे।
- विजय कुमार