हैदराबाद, भारतीय वायु सेना में टीम सारंग का गठन अक्टूबर 2003 को किया गया था। इस दौरान विभिन्न खास मौकों पर ये टीम चार संशोधित एचएएल ध्रुव हेलीकॉप्टरों को उड़ाती है, जिन्हें एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) भी कहा जाता है। फिलहाल जांबाज अधिकारियों की टीम हैदराबाद में विंग्स इँडिया 2024 कार्यक्रम में शरीक होने के लिए मौजूद है। बुधवार को हैदराबाद के हुसैनसागर के ऊपर सारंग टीम ने उड़ानें भरी। इस दौरान सारंग टीम में शामिल अधिकारियों स्क्वॉड्रन लीडर अविनाश, स्क्वॉड्रन लीडर करण, ग्रुप कैप्टन एस के मिश्रा और विंग कमांडर श्रीधर का हौसला देखते बन रहा था। बतां दें कि विंग्स इंडिया 2024 प्रदर्शनी हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर चल रहा है।
सारंग टीम ने गठन के बाद पहला सार्वजनिक प्रदर्शन 2004 में एशियन एयरोस्पेस शो, सिंगापुर में किया था। 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सारंग टीम ने कर्तव्य पथ पर तिरंगे के धुएं के साथ पहले तीन विमानों के फ्लाईपास्ट कराई थी। जो आम लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रही। इससे पहले इसी टीम ने 91 वें वायुसेना दिवस के अवसर पर भोजताल झील, भोपाल और प्रयागराज में संगम पर एयरशो किया। देश के युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों खासकर एयरफोर्स में शामिल होने के लिए भी सारंग टीम काम करती है। टीम ने 23 अक्टूबर को एयरफोर्स स्टेशन गुवाहाटी और उमियम झील, शिलांग में शानदार प्रदर्शन किया। एक अन्य प्रमुख स्थल केरल की अष्टमुडी झील थी, जहां टीम ने 23 दिसंबर को मुख्य अतिथि के रूप में एओसी-इन-सी सैक के साथ राष्ट्रपति ट्रॉफी नौका दौड़ प्रतियोगिता में एयरशो किया।
भारतीय वायुसेना की सॉफ्ट पावर को अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पार ले जाते हुए टीम ने दुबई एयर शो में भाग लिया और प्रदर्शन किया साथ ही कई पुरस्कार भी जीते। यह एक फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट में हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम को परिवहन करने और एक अंतर्राष्ट्रीय एयर शो में प्रदर्शन करने में सक्षम होने की भारत की पहचान को पुख्ता किया। एनडीए और एएफए में पासिंग आउट परेड और संयुक्त स्नातक परेड के अवसर पर भी इस टीम ने एयरशोज किये। टीम ने 23 मई को एनडीए और 23 दिसंबर में एएफए में क्रमशः भारत के राष्ट्रपति और भारत के रक्षा मंत्री के साथ बाकी सैन्य अधिकारियों के बीच शानदार प्रदर्शन किया।
राष्ट्र निर्माण के हिस्से के रूप में, 23 दिसंबर को तूतीकोरिन के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने के लिए टीम को बुलाया गया था। टीम के चार विमानों ने अपने अथक प्रयासों से सात दिनों तक क्षेत्र में राहत सामग्री गिराने का अभियान चलाया।