डेढ़ लाख छात्रों के साथ Heartfulness Youth Unite की शुरुआत

 

हैदराबाद: प्रतिष्ठित हार्टफुलनेस (Heartfulness) के मार्गदर्शक और श्री राम चंद्र मिशन (Shri Ram Chandra Mission) के अध्यक्ष आदरणीय दाजी (Rev. Daaji) ने कॉमनवेल्थ सेक्रेटरी जनरल पेट्रीसिया स्कॉटलैंड (Patricia Scotland) को (Heartfulness Changemaker) पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार हार्टफुलनेस के विश्व मुख्यालय, कान्हा शांति वनम (Kanha Shanti Vanam) में सेक्रेटरी जनरल की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान प्रदान किया गया।

हार्टफुलनेस चेंजमेकर पुरस्कार ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्व को प्रदान किया जाता है। जिन्होंने अपने प्रभाव और समर्पण से मानव सेवा की दिशा में काम किया हो। साथ ही उनकी प्रतिबद्धता वैश्विक एकता और सामुदायिक भावना को बढ़ाने से प्रेरित हो।

Poultary

हार्टफुलनेस के ग्लोबल गाइड और श्री राम चंद्र मिशन के अध्यक्ष दाजी ने कहा, “हमें खुशी है कि राष्ट्रमंडल महासचिव, पेट्रीसिया स्कॉटलैंड, कान्हा शांति वनम में हमसे मिलने आईं और उन्हें हार्टफुलनेस चेंजमेकर अवार्ड से सम्मानित किया गया।”

महासचिव स्कॉटलैंड की यात्रा यूथ यूनाइट के शुभारंभ के साथ हुई, जो एक हार्टफुलनेस की युवाओं को जोड़ने की अनूठी पहल है। हार्टफुलनेस की भारत भर में 500 से अधिक विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में उपस्थिति है; यूथ यूनाइट उन प्रतिभाशाली युवाओं को एक साथ लाने, उन्हें मेंटरशिप सहायता प्रदान करने, युवाओं को व्यावसायिक उत्कृष्टता की राह पर सहयोग करने का प्रयास है। यूथ यूनाइट की L.I.G.H.T. घटक, हार्टफुलनेस तकनीकों का उपयोग करके अंतरमन को निर्मल करने, नेतृत्व क्षमता के विकास सहित भावनात्मक, मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक विकास के जरिये युवाओं के समग्र विकास को लेकर प्रतिबद्ध है।

1,50,000 युवाओं की सकारात्मक भागीदारी
तीन महाद्वीपों के 50 देशों से 1,50,000 से अधिक युवाओं ने एक साल के लिए नेटवर्क में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। साथ ही सैकड़ों हार्टफुलनेस स्वयंसेवकों ने अथक परिश्रम करके युवाओं को इस कार्यक्रम के लिए प्रेरित किया। 14,000 लोगों की उपस्थिति में कान्हा शांति वनम में इसकी आधिकारिक लॉन्चिंग हुई। वर्चुअल माध्यम से पूरे भारत में हार्टफुलनेस केंद्रों से जुड़े लोगों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की। राष्ट्रमंडल सचिवालय सदस्य देशों को लोकतांत्रिक और समावेशी संस्थानों के निर्माण, शासन को मजबूत करने और न्याय और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने में सहायता करता है। उनका काम अर्थव्यवस्था को विकसित करने और व्यापार को बढ़ावा देने, राष्ट्रीय लचीलापन प्रदान करने, युवाओं को सशक्त बनाने और जलवायु परिवर्तन, ऋण और असमानता जैसे खतरों से निपटने में मदद करना है।

राष्ट्रमंडल सचिवालय ने 2023 को युवा वर्ष के रूप में नामित किया था और इस फोकस को 2024 तक जारी रखा है, जब तक कि समोआ में राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक की मेजबानी नहीं हो जाती। 50 से अधिक वर्षों से, राष्ट्रमंडल युवा कार्यक्रम ने 56 राष्ट्रमंडल देशों में युवाओं को ऊर्जावान बनाने, सशक्त बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए काम किया है।

राष्ट्रमंडल चार्टर में युवाओं को तरजीह
राष्ट्रमंडल महासचिव माननीय. पेट्रीसिया स्कॉटलैंड ने कहा, “युवा राष्ट्रमंडल चार्टर के केंद्र में हैं। उनकी जरूरतों, आशाओं और सपनों को केन्द्रित करना अहम है क्योंकि वे न केवल भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं, बल्कि वे महत्वपूर्ण हैं और जीवन में सार्थक बदलाव का काम उनसे ही शुरू किया जा सकता है।

उन्होंने दाजी के संदर्भ में कहा, “दाजी हार्टफुलनेस के पीछे मार्गदर्शक शक्ति हैं। वह मानवता के आध्यात्मिक उत्थान के लिए दूरदर्शिता, करुणा और अटूट प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। उन्होंने दुनिया भर में अनगिनत लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।”

स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाओं के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, “स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाएँ आज भी उतनी ही जोर-शोर से गूंजती हैं जितनी पहले कभी थीं। निर्भयता, शक्ति, ज्ञान की खोज के लिए उनका आह्वान युगों-युगों तक गूंजता रहेगा; और परिवर्तन के अगुआ के रूप में युवाओं के बारे में उनका दृष्टिकोण राष्ट्रमंडल को एक दयालु, समझदार, समृद्ध और न्यायसंगत दुनिया बनाने के लिए युवाओं पर भरोसा करने के लिए प्रेरित करता है।”

हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक आदरणीय दाजी ने क्या कहा
हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक और श्री राम चंद्र मिशन के अध्यक्ष आदरणीय दाजी ने इस मौके पर कहा, “आज जो चीज मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित करती है वह है एकता। ऐसा तब तक नहीं हो सकता जब तक कि सामंजस्य न हो। चिंतनशील मन और शांति के बिना सामंजस्य संभव नहीं है। शांति चिंतनशील मन की उपज है जो कि एकाग्रता से ही प्राप्त की जा सकती है। एकाग्र मन, ध्यानस्थ मन की उपज है। और इसलिए हम चिंतनशील दिमाग रखने, अधिक सामंजस्यपूर्ण बनने और अपने भीतर शांति लाने और व्यक्तिगत स्तर पर खुद को बदलने के लिए ध्यान का अनुसरण करें।हम अपने भाग्य के निर्माता स्वयं हैं। हम ईश्वर सहित किसी और को दोष नहीं दे सकते। आइए इस ग्रह को इस प्रकार स्वर्गतुल्य बनाएं कि लोग मृत्यु के बाद दूसरे स्वर्ग की लालसा करना बंद कर दें। हमें सद्भाव और प्रेम के लिए मिलकर काम करना होगा जो ध्यानपूर्ण दिमाग से ही हो सकता है। अगर आधा दर्जन आतंकवादी दुनिया में हंगामा मचा सकते हैं तो सोचिए राष्ट्रमंडल के ये डेढ़ अरब युवा इसे स्वर्ग बनाने के लिए क्या कर सकते हैं। “

Heartfulness के बारे में :
हार्टफुलनेस ध्यान और मन को काबू करने की विधि के साथ जीवनशैली में बदलाव की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है। जिसे पहली बार बीसवीं शताब्दी के अंत में विकसित किया गया था और शांति, खुशी और ज्ञान के लिए इस लक्ष्य को 1945 में भारत में श्री राम चंद्र मिशन के माध्यम से आगे बढ़ाया गया। हार्टफुलनेस की ध्यान पद्धति और प्रशिक्षण हजारों स्कूलों और कॉलेजों में जारी है, और दुनिया भर में निगमों, गैर-सरकारी और सरकारी निकायों में 100,000 से अधिक पेशेवर ध्यान करते हैं। 5,000 से अधिक हार्टफुलनेस केंद्रों को 160 देशों में हजारों प्रमाणित स्वयंसेवक प्रशिक्षकों और लाखों अभ्यासकर्ताओं द्वारा चलाया जाता है।

  • विजय कुमार
Bharati Cement