हैदराबाद, भारत के 9वें प्रधानमंत्री रह चुके दिवंगत पीवी नरसिम्हा राव को जब भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा हुई तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, दोनों ही राज्यों में खुशी की देखने को मिली। पार्टीगत राजनीति से इतर हर किसी ने इस फैसले का स्वागत किया। दिवंगत नेता के परिजनों ने कांग्रेस से व्यक्तिगत खटास को दरकिनार करते हुए, सिर्फ सकारात्मक बातें की। पीवी नरसिम्हा राव का व्यक्तित्व व्यापक था। कला, संगीत और साहित्य में उनकी गहरी रुचि थी साथ ही वे कम से कम दस भाषाओं के जानकार थे। एकीकृत आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने तेलुगू राज्य में कई सुधारात्मक कार्यों को बढ़ावा दिया।
पामुलापार्ती वेंकट नरसिम्हा राव को धरती के लाल या फिर सन ऑफ स्वायल के तौर पर परिचय कराया जाता है। 28 जून 1921 में करीम नगर गांव में उनका जन्म हुआ था। तेलंगाना की जनता का गहरा भावनात्मक लगाव पीवी नरसिम्हा राव के साथ था। तभी तो हैदराबाद में कई स्थानों पर पीवी नरसिम्हा राव की आदमकद प्रतिमाएं दिख जाएंगी। मुख्य शहर को एयरपोर्ट से जोड़ने वाले सबसे लंबे फ्लाइओवर का नाम भी पीवी नरसिम्हा राव रखा गया था। आखिर पीवी नरसिम्हा के प्रति उनके इलाके के लोग क्यों नहीं गौरवांवित हों, वो दक्षिण भारत से देश के प्रधानमंत्री पद का सफर तय करने वाले पहली शख्स थे।
एकीकृत आंध्र प्रदेश की मुख्यमंत्री रहे थे नरसिम्हा राव
तत्कालीन एकीकृत आंध्र प्रदेश की राजनीति में पीवी नरसिम्हा राव की गहरी छाप थी। उन्हें राज्य की राजनीति के जमाने से ही चाणक्य का दर्जा प्राप्त था। बड़ी से बड़ी गुत्थी वो सहजता से सुलझा लेते थे। यहां तक कि आंध्रप्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने के दौरान ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नजर पीवीएनआर के प्रतिभाशाली व्यक्तित्व पर पड़ी। कहा तो ये भी जाता है कि सियासी मुश्किलों के दौर में खुद इंदिरा गांधी पीवी नरसिम्हा राव से व्यक्तिगत सलाह लिया करती थीं। आंध्र प्रदेश की राजनीति में 1962 से 1971 के दौरान पीवी नरसिम्हा राव की तूती बोलती थी। फिर 1971 से 1973 तक उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कमान संभाली और कई सुधारात्मक और विकास कार्यों को आगे बढ़ाया। पीवी नरसिम्हा राव पक्के कांग्रेसी थे, यहां तक कि आपातकाल के दौरान जब इंदिरा गांधी के खिलाफ में कई लोग उठ खड़े हुए थे, उस वक्त भी पीवी ने इंदिरा गांधी का खुलकर समर्थन किया था।
स्वतंत्रता सेनानी भी थे पीवी नरसिम्हा राव
पीवी नरसिम्हा राव स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ही कांग्रेस पार्टी के प्रति आकर्षित हुए थे। उसी दौर में बतौर कार्यकर्ता उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की थी। वक्त के साथ उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीता और दिल्ली में अपनी धाक जमाई। वर्ष 1980 से 84 तक वे भारत के विदेश मंत्री के तौर पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। पीवी नरसिम्हा राव ने ही डॉ मनमोहन सिंह को देश के वित्त मंत्री का कार्यभार सौंपा था और आर्थिक सुधारों पर ऐतिहासिक फैसलों का समर्थन किया। शायद ही आप जानते हों, पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में ही ए पी जे अब्दुल कलाम को परमाणु परिक्षण के लिए सरकार की ओर से तमाम संसाधन और समर्थन उपलब्ध कराये गए थे। हालांकि 1996 के आम चुनाव के कारण उस वक्त परीक्षण कराना संभव नहीं हो पाया था।
नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने पर पोते एनवी राव ने क्या कहा?
दिवंगत प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को शुक्रवार को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री के पोते एनवी सुभाष राव ने खुशी जाहिर करते हुए नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने पर पीएम मोदी की सराहना की। एनवी सुभाष राव ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि मैं वास्तव में बहुत खुश हूं कि लंबे समय के बाद नरसिम्हा राव को भारत रत्न मिला है।
उन्होंने आगे कहा, “इस समय मैं बहुत, बहुत भावुक महसूस कर रहा हूं, क्योंकि हम उम्मीद कर रहे थे कि भारत रत्न में देरी होगी। लेकिन भाजपा तेलंगाना के प्रयासों के कारण यह सपना सच हुआ है। एक परिवार के सदस्य के रूप में मैं इसके लिए भाजपा तेलंगाना को भी धन्यवाद देता हूं।”
वहीं, नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने पर उनकी बेटी और बीआरएस एमएलसी सुरभि वाणी देवी ने कहा है कि “यह बहुत खुशी का पल है। शानदार मान्यता…मैं बहुत उत्साहित हूं…” वाणी ने कहा कि नरसिंह राव उस वक्त प्रधानमंत्री बने थे जब देश मुश्किल समय का सामना कर रहा था। उन्होंने (राव ने) सुधारों को लागू किया जिसकी पूरे विश्व ने सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘दलगत भावना से ऊपर उठकर राव के योगदान को मान्यता देना और भारत रत्न प्रदान करना हमारे प्रधानमंत्री (मोदी) के अच्छे मूल्यों को दर्शाता है।’’ कांग्रेस नेता नरसिंह राव ने प्रधानमंत्री रहने के दौरान सुधारों की पहल की और अर्थव्यवस्था से लेकर विदेश मामलों जैसे क्षेत्रों में समस्याओं का स्थायी समाधान तलाशा।
वाणी ने कहा, ‘‘भारत रत्न सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। हालांकि, इसमें कुछ देर हुई, लेकिन ठीक है। तेलंगाना के लोग नरसिंह राव को भारत रत्न दिये जाने से बहुत खुश हैं। परिवार के सदस्य अभिभूत हैं।’’
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि नरसिम्हा राव का “दूरदर्शी नेतृत्व” भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने में सहायक था।
उन्होंने कहा, “एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में नरसिम्हा राव गारू ने विभिन्न क्षमताओं में बड़े पैमाने पर भारत की सेवा की। उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक संसद और विधान सभा के सदस्य के रूप में किए गए कार्यों के लिए समान रूप से याद किया जाता है।”
– विजय कुमार