अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने वेनेजुएला से तेल और गैस खरीदने वाले देशों पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ट्रम्प का कहना है कि वेनेजुएला अमेरिका में अपराधियों को भेजता है जिस पर नकेल कसने के लिए यह टैरिफ लगाया जा रहा है। आपको बता दें यह टैरिफ 2 अप्रैल, 2025 से लागू होने वाला है। हालांकि ट्रम्प का यह फैसला वेनेजुएला को आर्थिक रूप से कमज़ोर करना है, लेकिन इसका असर दुनिया भर के देशों पर भी पड़ेगा जिसमें भारत भी शामिल है। दरअसल फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2023 में भारत ने वेनेजुएला से हर दिन करीब 1,91,600 बैरल कच्चा तेल आयात किया था। वहीं जनवरी 2024 में यह बढ़कर 2,54,000 बैरल प्रतिदिन हो गया। हालांकि बाद में इसमें कमी आई। केप्लर के कमोडिटी मार्केट एनालिटिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने जनवरी 2025 में करीब 65,000 बैरल प्रतिदिन और फरवरी 2025 में 93,000 बैरल प्रति दिन वेनेजुएला से कच्चे तेल का आयात किया है।
भारत को वेनेजुएला से सस्ते दामों पर मिल जाता है तेल
आपको बता दें, भारत को रूस और मिडिल ईस्ट की तुलना में वेनेजुएला से तेल सस्ते दामों पर मिल जाता है, क्योंकि यह कच्चा तेल भारी होता है, जिसे भारतीय रिफाइनरीज आसानी से प्रोसेस कर सकती हैं। भारतीय कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) वेनेजुएला से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीदती हैं। जुलाई 2024 में रिलायंस को वेनेजुएला से तेल खरीदने की मंजूरी मिली थी, वॉशिंगटन ने इसके लिए लाइसेंस जारी किया था। केप्लर के डेटा के मुताबिक साल 2024 में भारत ने वेनेजुएला से जितना तेल खरीदा उसमें से रिलायंस की हिस्सेदारी करीब 20 मिलियन बैरल थी।
बढ़ सकती है महंगाई
वेनेजुएला पर लगाए गए टैरिफ से भारतीय रिफाइनरों के लिए वेनेजुएला से तेल खरीदना महंगा हो सकता है और सप्लाई चेन में रुकावट आ सकती है। इसके साथ ही महंगाई भी बढ़ सकती है, जिससे मैन्युफैक्चरिंग, परिवहन सहित देश का आर्थिक विकास प्रभावित हो सकता है। आपको बता दें इससे पहल ईरान पर लगे प्रतिबंध के कारण भी भारत पर असर पड़ा था। दरअसल, ईरान से कम दूरी की वजह से भारत को यहां से तेल खरीदना सस्ता पड़ता था। पर प्रतिबंध लगने की वजह से भारत को ईरान से तेल खरीद काफी कम करनी पड़ी।
Shashi Rai