पैन कार्ड 2.0 की योजना के तहत भारतीय आयकर विभाग ने पैन कार्ड के पुराने वर्जन (पैन 1.0) को अपडेट किया है। यह नया पैन कार्ड डिजिटल होगा और इसमें कई नई सुरक्षा फीचर्स को जोड़ा गया है, ताकि धोखाधड़ी और पहचान की चोरी को रोका जा सके। पैन 2.0 का उद्देश्य टैक्सपेयर की पहचान को सरल और अधिक सुरक्षित बनाना है।
इलेक्ट्रॉनिक और IT मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, पैन 1.0 में सुरक्षा खामियों की वजह से धोखाधड़ी और आइडेंटिटी थेफ्ट (पहचान चोरी) की घटनाएं बढ़ी थीं। इसके चलते पुराने सॉफ़्टवेयर और प्रणाली का उपयोग भी समस्याओं का कारण बन रहा था। अब नए पैन कार्ड में इन समस्याओं का समाधान किया जाएगा और यह पूरी तरह से डिजिटल होगा, यानी अब आपको फिजिकल पैन कार्ड की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय, यह डिजिटल रूप में उपलब्ध होगा, जिससे फर्जी पैन कार्ड बनाना मुश्किल होगा।
नए पैन 2.0 कार्ड में क्यूआर कोड का फीचर जोड़ा गया है, जिसमें पैन कार्ड होल्डर का नाम और पैन नंबर सुरक्षित रूप से छिपा रहेगा। इस क्यूआर कोड को स्मार्टफोन या स्कैनिंग डिवाइस से स्कैन किया जा सकता है, जिससे पैन कार्ड का वेरिफिकेशन बहुत आसान हो जाएगा।
इसके अतिरिक्त, पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। अगर आपके पास पहले से पैन कार्ड है, तो आपको इसे आधार से लिंक करके पैन 2.0 कार्ड के साथ अपडेट करना होगा। इससे टैक्सपेयर की पहचान में मदद मिलेगी और इनकम टैक्स चोरी को रोकने में भी सहायता होगी।
कुल मिलाकर, पैन कार्ड 2.0 का उद्देश्य टैक्सपेयर्स की पहचान को अधिक सुरक्षित और ट्रैक करने योग्य बनाना है, जिससे सरकार को टैक्स से संबंधित मामलों में पारदर्शिता और व्यवस्था मिल सके।
Shashi Rai