NSA अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई मुलाकात के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख ऑफ एक्युअल कंट्रोल (LAC) पर गलवान घाटी समेत 4 इलाकों से दोनों देशों की सेनाए हट गई हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि बॉर्डर पर हालात स्थिर और कंट्रोल में हैं। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा था कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के 75 फीसदी मामले सुलझा लिए गए हैं।
सेना की वापसी में तेजी लाने पर बनी समहति
आपको बता दें, 12 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने रूस में BRICS देशों के NSA की मीटिंग के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। इस दौरान डोभाल ने दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने को लेकर बातचीत की। उन्होंने LAC का सम्मान करने के लिए भी कहा। वहीं इस बैठक में दोनों देशों ने जल्द ही बाकी के इलाकों से भी सेना की वापसी में तेजी लाने पर समहति जताई।
2020 से ही भारत-चीन के बीच चल रहा तनाव
दरअसल, साल 2020 से ही भारत और चीन की सेनाओं के बीच टकराव चल रहा है। 15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमार्वती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को इकट्ठा किया था। इसके बाद भारत की तरफ से भी सैनिकों को तैनात कर दिया गया। इसी दौरान गलवान घाटी में झड़प हुई थी जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जिसके बदले में भारतीय सैनिकों ने चीन के करीब 60 सैनिकों को मार गिराया था। इस झड़प के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव चल रहा है।
”भारत-चीन संबंधों में सुधार संभव”
स्थिति को सुधारने के लिए अब तक दोनों देशों के बीच कमांडर लेवल की 21 बार चर्चा हो चुकी है। इस बीच रूस में NSA अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की मुलाकात और इस मुद्दे पर बातचीत काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इससे पहले जिनेवा में एक समिट के दौरान बात करते हुए विदेश मंत्री एस जशंकर ने भी चीन के मुद्दे पर कहा था कि 2020 में चीन और भारत के बीच गलवान में हुई झड़प ने दोनों देशों के रिश्तों को खराब किया। अगर सीमा विवाद का समाधान हो जाता है, तो भारत-चीन संबंधों में सुधार संभव है।
Shashi Rai