हैदराबाद: तेलंगाना की रेवंत रेड्डी (Revanth Reddy) सरकार हैदराबाद में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) सिटी विकसित करने की योजना बना रही है। साथ ही राज्य में उद्योगों और सर्विस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति लाने की सरकार की तैयारी है। रेवंत रेड्डी सरकार इंटरनेट को भी बुनियादी अधिकार बनाएगी।

सरकार की कोशिश सिर्फ डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करने की नहीं, बल्कि इसे समाज के सभी वर्गों के लिए सुलभ और किफायती बनाने की भी होगी। ये घोषणा राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने बजट सत्र के पहले दिन विधान सभा और परिषद के संयुक्त सत्र में अपने संबोधन के दौरान कही।

राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि राज्य सरकार नई तकनीक, विशेष रूप से एआई के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि शीर्ष वैश्विक और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनियों को अपने एआई केंद्र स्थापित करने के लिए हैदराबाद में आमंत्रित किया जाएगा और ये महानगर देश की एआई राजधानी के रूप में पहचान बनाने में सक्षम होगी। राज्यपाल ने कहा, ”हम 50-100 एकड़ में एक समर्पित एआई सिटी स्थापित करेंगे।”

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राज्यपाल ने जानकारी दी कि औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने में अभी तक राज्य की व्यापक क्षमता का आंशिक उपयोग ही हो सका है। अब इन क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई नीति लाएगी और उसके अनुसार ही काम किया जाएगा।

राज्यपाल ने तेलंगाना सरकार की नई औद्योगिक नीति लाने के विचार के बारे में जानकारी दी। जिसके लिए स्टेकहोल्डर्स से परामर्श करने की आवश्यकता उन्होंने बताई।

राज्यपाल के मुताबिक तेलंगाना एक रोल-मॉडल राज्य बनने का है, जहां नए और मौजूदा निवेशकों को न केवल यहां उद्योग स्थापित करने बल्कि उसे संचालित करने में भी किसी तरह की बाधा का सामना नहीं करना पड़े।

राज्यपाल के मुताबिक सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बेहतर तकनीक, स्किल्ड मैनपावर, वित्तपोषण, बाजार तक पहुंच और औद्योगिक दुश्वारियों की रोकथाम में मदद करने के लिए एक नई नीति की जल्द ही घोषणा करेगी।

एमएसएमई को संबल प्रदान करने और उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए एक विशेष संस्थागत तंत्र स्थापित किया जाएगा। आईटी और फार्मा जैसे ‘चैंपियन सेक्टर्स’ को निरंतर समर्थन का आश्वासन देते हुए राज्यपाल ने कहा कि सरकार 10-12 फार्मा विलेज क्लस्टर स्थापित करने का प्रस्ताव कर रही है, जिनमें से प्रत्येक 1000 से 3000 एकड़ के क्षेत्र में फैला होगा।

राज्यपाल ने जानकारी दी कि हाल ही में स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में वैश्विक निवेशकों ने तेलंगाना में 40,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की, जहां मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और उद्योग मंत्री ने एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक संपूर्ण डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम भी लागू करेगी कि प्रत्येक परिवार, चाहे उसकी आर्थिक स्थिति या स्थान कुछ भी हो, तेजी से डिजिटल तौर पर उभरते अवसरों का लाभ उठा सके।

सरकार उन क्षेत्रों पर विशेष जोर देगी जिनका उनकी क्षमता की तुलना में कम उपयोग किया गया है, जैसे चमड़ा और जूते, रत्न और आभूषण, रसायन और प्लास्टिक, इंजीनियरिंग सामान, एफएमसीजी उत्पाद, उच्च मूल्य वाले खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और भंडारण को बेहतर समर्थन सुनिश्चित की जाएगी। प्रत्येक के लिए समर्पित औद्योगिक पार्क और सहायक पारिस्थितिकी तंत्र बनाए जाएंगे।

उद्योग की आवश्यकता के मुताबिक कौशल प्रशिक्षण और व्यावसायिक शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार का इरादा सभी सरकारी आईटीआई को उन्नत प्रौद्योगिकी केंद्रों में बदलने का है जिसमें करीब 2,000 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। ये केंद्र उच्च मांग वाले ट्रेडों में एनसीवीटी-अनुमोदित दीर्घकालिक और अल्पकालिक पाठ्यक्रम पेश करेंगे और इससे तेलंगाना में लगभग एक लाख युवाओं को लाभ होगा।

कुशल एवं सशक्त कार्यबल तैयार करने के लिए राज्य भर में कौशल विश्वविद्यालय स्थापित किये जायेंगे। ये कौशल विश्वविद्यालय उत्कृष्टता केंद्र के रूप में काम करेंगे और हमारे युवाओं को तेजी से विकसित हो रहे नौकरी बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक ज्ञान और विशेषज्ञता से लैस करेंगे।

स्वच्छ ऊर्जा से ऊर्जा हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए, सरकार सौर, पवन, हाइब्रिड (सौर और पवन) जैसी सभी प्रकार की हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक ऊर्जा नीति लाएगी।

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