रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 जनवरी 2025 से एक नया नियम लागू किया है, जिसमें चेक पर काले रंग की स्याही का उपयोग बंद कर दिया गया है। अब से चेक केवल नीली या हरी स्याही से ही लिखे जा सकेंगे। यह कदम धोखाधड़ी को कम करने के लिए उठाया गया है और ग्राहकों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
काले रंग की स्याही क्यों बैन की गई है?
काले रंग की स्याही में बदलाव करना बहुत आसान होता है। इसे रासायनिक घोलों से मिटाया जा सकता है, जिससे धोखेबाज चेक के विवरण को बदल सकते हैं और वित्तीय नुकसान कर सकते हैं। वहीं, नीली और हरी स्याही की रासायनिक संरचना ऐसी होती है कि इन्हें बदलना मुश्किल होता है और ये अल्ट्रावायलेट लाइट में अधिक स्पष्ट दिखाई देती हैं, जिससे धोखाधड़ी की पहचान करना आसान होता है।
नए नियम और उनके प्रभाव
1. चेक पर अब केवल नीली या हरी स्याही का उपयोग किया जा सकता है।
2. यह नियम व्यक्तिगत, व्यावसायिक और सरकारी चेक सभी प्रकार के चेक पर लागू होगा।
3. बैंक काले रंग की स्याही से लिखे गए चेक को स्वीकार नहीं करेंगे, और ग्राहकों को नया चेक जारी करना होगा।
इस बदलाव के लाभ
1. स्याही के रंग की सही पहचान से धोखाधड़ी की संभावना कम होती है।
2. ग्राहक अब समझेंगे कि चेक पर स्याही का रंग क्यों महत्वपूर्ण है, जिससे धोखाधड़ी को रोका जा सके।
3. यह बदलाव डिजिटल भुगतान की ओर भी संकेत करता है, जो अधिक सुरक्षित होते हैं।
जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
कुछ लोग इस बदलाव को असुविधाजनक मान सकते हैं, लेकिन कई लोग इसे धोखाधड़ी से बचने के लिए एक प्रभावी कदम मानते हैं। बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम ग्राहकों को सुरक्षा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
नियमों का पालन कैसे करें?
1. चेक पर केवल नीली या हरी स्याही का इस्तेमाल करें।
2. स्याही की गुणवत्ता का ध्यान रखें ताकि वह मलीन या फीकी न पड़े।
3. चेक के बाकी सभी सुरक्षा और फॉर्मेट नियमों का पालन करें।
RBI का यह कदम चेक के लेन-देन की सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसे अपनाकर ग्राहक एक सुरक्षित वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा बन सकते हैं।
Shashi Rai