12 दिसंबर 2018 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( RBI) के गवर्नर के रूप में, पदभार ग्रहण करने वाले शक्तिकांत दास का कार्यकाल 10 दिसंबर, 2024 का समाप्त हो गया। इस मौके पर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज के समय में फैसले लेना बहुत कठिन है। पिछले 6 सालों में मेरी कोशिश इन सिद्धांतों का पालन करने की रही है। मेरा अनुभव है कि RBI में टीम वर्क बहुत सही तरीके से था।
मैंने हमेशा अपना बेस्ट देने की कोशिश की: दास
आगे उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे RBI का गवर्नर बनने का मौका मिला। मैंने हमेशा अपना बेस्ट देने की कोशिश की, यह यात्रा मेरी निजी यात्रा नहीं थी। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक के सामने चुनौतियां आती रहती हैं, हमारे सामने कुछ मुद्दों में महंगाई-ग्रोथ संतुलन बहाल करना शामिल है। मुझे विश्वास है कि गवर्नर इसे और आगे लेकर जाएंगे। RBI के सामने दूसरा बड़ा मुद्दा विश्व व्यवस्था में बदलाव का है।
अपने 6 साल के कार्यकाल में शक्तिकांत दास ने भारत के फाइनेंशियल सिस्टम को कई चुनौतियों से बाहर निकाला। 2023 और 2024 में लगातार दो बार वो दुनिया के टॉप सेंट्रल बैंकर चुने गए।
दास RBI गवर्नर के तौर पर भारत और दुनिया को लिए सबसे अस्थिर दौर कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास युद्ध के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में अमहत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
साल 2018 में जब शक्तिकांत दास ने पदभार संभाला था तब रेपो रेट 6.50 % पर थी। पर दास के नेतृत्व में RBI ने इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए इसे घटाकर 4 फीसदी पर ला दिया। बाद में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए इस फिर से बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया।
Shashi Rai