PM Modi in Austria: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस दौरे के बाद 9 जुलाई, 2024 को ऑस्ट्रिया पहुंचे । 40 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री का ऑस्ट्रिया पहुंचना ऐतिहासिक रहा। दरअसल दोनों देशों की मित्रता 75 वर्ष पुरानी है, ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का यहां जाना इस रिश्ते को और गहरा और ऊर्जावान बना देता है। इससे पहले 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऑस्ट्रिया की यात्रा की थी। इनके बाद इतने सालों तक यहां कोई प्रधानमंत्री नहीं गया लेकिन राजनयिक यात्राएं होती रही हैं। भारत और ऑस्ट्रिया के द्विपक्षीय संबंध हमेशा मजबूत रहे।
विएना के लिए गौरव की बात
दोनों देशों का संबंध कितना खास है, इसकी झलक पीएम मोदी के ऑस्ट्रिया पहुंचने पर हुए शानदार स्वागत में भी नज़र आई। वहीं पीएम मोदी के ऑस्ट्रिया पहुंचने से पहले, दौरे को लेकर ऑस्ट्रिया के चांसलर काफी उत्साहित थे। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा था- ”मैं अगले सप्ताह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के प्रधानमंत्री का विएना में स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं। यह यात्रा विएना के लिए गौरव की बात है।”
दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंध
भारत और ऑस्ट्रिया के बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं। 1983 में भारत-ऑस्ट्रियाई संयुक्त आर्थिक आयोग (JEC) की स्थापना हुई थी। इसके जरिए विभिन्न मंत्रालयों के साथ वाणिज्य एवं उद्योग मंडलों के बीच द्विपक्षीय वार्ता के लिए मंच मिलता है। इस माध्यम से दोनों देशों की अलग-अलग फार्मों खासकर इस्पात, विनिर्माण टेक्नोलॉजी, रेलवे और परिवहन, मेटल साइंस और उपकरणों के क्षेत्र में 100 से ज्यादा तकनीकि सहयोग और 60 संयुक्त उद्यम को मिलाकर 200 से अधिक सहयोग हो चुके हैं।
वियना में पीएम मोदी का संबोधन
पीएम मोदी ने 10 जुलाई, 2024 को वियना में एक कार्यक्रम को संबोधित किया, इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच ऐतिहासिक संबंधों ने सांस्कृतिक अदान-प्रदान और व्यापार के मामले में दोनों देशों को लाभ पहुंचाया है।
वियना में कुछ प्रोफेसर्स से हुई प्रधानमंत्री की मुलाकात जिन्होंने भारतीय इतिहास और संस्कृति का अध्यय किया
वहीं भारत लौटने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रिया यात्रा को काफी सार्थक बताया। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि वियना में मुझे प्रोफेसर बिरगिट केलनर, डॉ. मॉर्टिन, डॉ. करिन प्रीसेनडांड और डॉ. बोरायिन लारियोस से मिलने का अवसर मिला। ये सभी सम्मानित शिक्षाविद और शोधकर्ता हैं, जिन्होंने भारतीय इतिहास और संस्कृति के पहलुओं का अध्ययन करने के लिए बहुत प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मै पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति को लोकप्रिया बनाने में उनकी भूमिका के लिए उनकी सराहना करता हूं।
Shashi Rai