Nuclear Power Plant On Moon: अब चांद पर न्यूक्लियर पॉवर प्लांट बनाने की योजना पर काम चल रहा है। इसमें रूस और चीन की साझेदारी है, लेकिन अब भारत भी इसका हिस्सा बनना चाहता है। इसकी जानकारी रूस की स्टेट न्यूक्लियर एनर्जी कॉर्पोरेशन, रॉसटोम के प्रमुख एलेक्सी लिखाशेव के हवाले से रूसी समाचार एजेंसी TASS ने दी है। रूस में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में लिखाशेव ने कहा कि ये प्रोजेक्ट बहुराष्ट्रीय है। इस प्रोजेक्ट में हमारे पार्टनर देश चीन और भारत भी रुचि ले रहे हैं।
प्रोजेक्ट का उद्देश्य क्या है?
इसी साल मार्च में रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस के CEO यूरी बोरिसोव ने कहा था कि 2033-35 में रूस और चीन मिलकर चांद की सतह पर न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा था कि पावर प्लांट को चांद की सतह तक पहुंचाने के लिए रूस न्यूक्लियर पावर से चलने वाला रॉकेट ज्यूस बनाएगा। यह एक कार्गो रॉकेट होगा और पूरी तरह से ऑटोमैटिक होगा। इसे चलाने के लिए इंसान की जरूरत नहीं होगी। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य चांद पर एक छोटा परमाणु बिजली संयंत्र बनाना है।
‘भारत को अपने मून मिशन में मिलेगी मदद’
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक अगर भारत रूस के साथ मिलकर चांद पर न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने पर काम करता है, तो उसे अपने मून मिशन में भी मदद मिलेगी। दरअसल, भारत की स्पेस एजेंसी ISRO 2040 तक चांद की सतह पर इंसानों को भेजने की योजना पर काम कर रही है। इसके अलावा भारत 2035 तक अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बनाना चाहता है। साथ ही भारत गगनयान मिशन पर भी काम कर रहा है। यह भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है।
Shashi Rai