भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क खनन कंपनी, NMDC ने हैदराबाद में अपने पहले वेंडर मीट का आयोजन किया। इस प्लेटफॉर्म का उपयोग कंपनी ने अपने रोडमैप और रणनीतियों को साझा करने के लिए किया, जिसका लक्ष्य 2030 तक 100 मिलियन टन आयरन उत्पादन करना है।

NMDC ने इस यात्रा में अपने सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों, जैसे विक्रेताओं, ठेकेदारों और सलाहकारों से बातचीत की। बैठक में विस्तार योजनाओं, परिवहन रणनीतियों और डिजिटल परिवर्तन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, जो 100 MTPA के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं। कंपनी ने व्यापार को आसान बनाने का वादा किया और अपने साझेदारों से उच्च गुणवत्ता और तेजी की उम्मीद जताई।

बैठक की शुरुआत में श्री अमिताव मुखर्जी, CMD (अतिरिक्त प्रभार), NMDC ने विक्रेताओं को ‘प्रगति के साझीदार’ के रूप में संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य सभी को NMDC के आगामी परियोजनाओं के बारे में पहले से जानकारी देना था, जिनके लिए लगभग 70,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा, कि “यह सामान्य व्यापार नहीं है, यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है और एक जीवनभर का अवसर है, जो एक वैश्विक खनन साम्राज्य बनाने की दिशा में है।”

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NMDC का 2030 तक 100 मिलियन टन का उत्पादन लक्ष्य राष्ट्रीय इस्पात नीति से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य भारत के लोहा और इस्पात क्षेत्र में कच्चे माल की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है।

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