Neet controversy: गुरुवार को नीट विवाद मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई तक काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने NTA को निर्देश दिया है कि सभी छात्रों के रिजल्ट शहर और केंद्रवार शनिवार दोपहर 12 बजे तक ऑनलाइन अपलोड करें। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। बता दें, गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के कम से कम नंबर, IIT मद्रास की रिपोर्ट, पेपर में गड़बड़ी कब और कैसे हुई। कितने सॉल्वर्स पकड़े गए। दोबारा जांच की मांग और पेपर गड़बड़ी की पूरी टाइमलाइन पर चर्चा हुई।
NTA ने सुप्रीम कोर्ट में अपना लिखित जवाब दाखिल किया
सुनवाई से पहले NTA सुप्रीम कोर्ट में अपना लिखित जवाब दाखिल किया। एनटीए का कहना है कि नीट परीक्षा में कोई सिस्टेमैटिक फेलियर नहीं था। बिहार की घटना एक आपराधिक गतिविधि है। जिन घटनाओं का जिक्र किया जा रहा है, उनकी जांच चल रही है। एनटीए ने कोर्ट को बताया कि जांच बिहार पुलिस ने शुरू की थी, जिसे ईओयू विंग को सौंप दिया गया था। इसके बाद केंद्रीय स्तर पर नीट मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को स्थानांतरित कर दी गई थी। एनटीए ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद 17 संदिग्ध उम्मीदवारों के परिणाम रोक दिए हैं।
गोधरा में कितने छात्रों ने अपना सेंटर बदला?
CJI ने एनटीए से पूछा कि गोधरा में 2 केंद्र में 2513 परीक्षार्थी थे, वहां से मेरिट में कितने छात्र आए? इस पर एनटीए ने जवाब दिया कि लगभग 18 उनका स्कोर भी औसत से कम है। फिर CJI ने पूछा कि गोधरा में कितने छात्रों ने अपना सेंटर बदला है? इस पर एनटीए ने कहा कि 14 को सेंटर बदलने की अनुमति दी गई। उन 14 में से किसी को भी प्रवेश नहीं मिल रहा है। गोधरा एक लोकल मामला था, कुछ होता उससे पहले गिरफ्तारी हो गई।
‘तुषार भट्ट के पास हल किए गए प्रश्नपत्र थे’
याचिकाकर्ता ने इस पर कहा कि इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि तुषार भट्ट के पास हल किए गए प्रश्नपत्र थे। इस पर CJI ने याचिकाकर्ता से पूछा केवल हजारीबाग व पटना से मामले सामने आया है। क्या केवल इस आधार पर परीक्षा को रद्द किया जा सकता है?
Shashi Rai