Global South Summit 2024: शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे ‘वायस ऑफ ग्लोबल साउथ’ सम्मेलन के दौरान कहा कि ”आज हम ऐसे समय में बैठ रहे हैं, जब हर तरफ अनिश्चितता का माहौल है। दुनिया अब भी पूरी तरह से कोविड-19 के प्रभाव से उबरी नहीं है। वहीं दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति ने हमारी विकास यात्रा के लिए चुनौतियां पैदा कर दी है। हम न केवल जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाना कर रहे हैं, बल्कि अब स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं हैं।” साथ ही उन्होंने कहा कि, ”आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद हमारे समाज के लिए बहुत बड़ा खतरा बने हुए हैं।”
‘ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट’ का ऐलान
इस सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने ‘ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट’ का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जरूरतमंद देशों को विकास के नाम पर कर्ज का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। इस योजना से साझेदार देशों का संतुलित और स्थिर विकास होगा।
25 लाख डॉलर का विशेष कोष
प्रधानमंत्री ने कहा, ” हम व्यापार, सतत विकास के लिए क्षमता निर्माण, तकनीक साझा करने, परियोजनाओं के लिए वित्तीय मदद और अनुदान पर फोकस करेंगे। भारत व्यापार को प्रोत्साहन देने के लिए 25 लाख डॉलर का विशेष कोष शुरू करेगा। क्षमता निर्माण और व्यापार नीति के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।”
पहला ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन’ का आयोजन
बता दें, भारत ने 2 से 13 जनवरी तक वर्चुअली पहले वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। इसके बाद 17 नवंबर, 2023 को दूसरा सम्मेलन आयोजित किया गया। ग्लोबल साउथ के 100 से अधिक देशों ने दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में भाग लिया। आज यानी 17 अगस्त 2024 को तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसकी थीम- ”एक सतत भविष्य के लिए एक सशक्त वैश्विक दक्षिण” है।
Shashi Rai