हैदराबाद: बॉम्बे रिव्यू एंड अदर स्टोरीज़ (Bombay Review and Other Stories) वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित कहानियों का एक संग्रह है। कहानियाँ, नाटक, रोमांस, एकतरफा प्यार, बेलगाम महत्वाकांक्षा, लालच, अपराध की गुत्थी, राजनीति, विरासत, नैतिकता और कथित तौर पर अनैतिक संबंधों को लेकर संघर्ष इन सब का समावेश विभिन्न लघु कथानकों में मिलता है। पात्रों की बात करें तो उनमें कई स्थापित तो कुछ नवोदित लेखक, गायक और अन्य कलाकार, जिनके आगे पीछे विश्वासघात और संघर्ष के ताने बाने में बुनी कई दिल को छू लेने वाली कहानियां हैं। कामुकता, लैंगिक कुंठा, समर्पण और आकर्षण की कशमकश के बीच कहानियों को बेहद संवेदनशीलता से बयां की गई है। लेखक रवि वल्लूरी (Ravi Valluri) ने बड़ी खूबसूरती से हमारे रोजमर्रा के जीवन में आस पास घटने वाली घटनाओं को संजीदगी के साथ कहानी में पिरोया है। सारगर्भित कहानियों में लेखक ने महज सौ शब्दों में कहानी का पूरा ढांचा ही गढ़ लिया, जो इनकी परिपक्वता की निशानी है।
बॉम्बे रिव्यू एंड अदर स्टोरीज़ का कथानक
लघु कथाओं के संग्रह के तौर पर बॉम्बे रिव्यू एंड अदर स्टोरीज़ की कहानियां बेहद रोचक और आधुनिक जीवन शैली में संघर्षों को बयां करने वाली है। कहानी में कई ऐसे पल देखने को मिलेंगे, जब पाठक को लगता है कि उसने भी वो सबकुछ भोगा और अनुभव किया है। कहानी का मुख्य किरदार स्वप्निल दासगुप्ता के इर्द गिर्द घूमती है जो मुंबई से निकलने वाली प्रतिष्ठित दैनिक पत्र में डेस्क एडिटर हैं। अपने पूर्ववर्ती राजदीप सेल्लार की कथित करतूतों के चलते उन्हें नई जगह मिली और काम को लेकर प्रबंधन का अनैतिक दबाव उन्हें अक्सर कचोटता है। पत्रकार और लेखक के तौर पर स्वप्निल बेहद मुखर और जागरूक हैं, लेकिन जैसे तैसे उन्हें नैतिकता से समझौता करके पत्रिका का सर्कूलेशन बढ़ाने का दबाव दिया जाता है। इस बीच परिस्थितियां अचानक और अनायास ही उनके अनुकूल होने लगती है, लेकिन उनकी अंतरआत्मा उसे कभी स्वीकार नहीं कर पाती है।
किताब के अगले कथानक में मैथ्स टीचर के क्लासरूम में किये अनूठे प्रयोग को संजीदगी से दर्शाया गया। जिसने कहानी के पात्र की जीवन दिशा ही बदल दी। हम अपने इर्द गिर्द लोगों की कानाफुस्सी से डरते हैं, जबकि गौर करें तो हमारे बीच कई ऐसे लोग हैं जो मन ही मन हमारे बारे में अच्छा सोचते हैं। बस सोचने का नजरिया बदलना जरूरी है, जीवन में आमूल चूल बदलाव खुद ब खुद दिखने लगता है। इसी तरह की कई कहानियां हमारे रोजमर्रा के जीवन से ओतप्रोत है जो रोचक होने के साथ ही प्रेरणादायी भी है। लेखक रवि वल्लूरी की किताब Bombay Review and Other Stories खासी लोकप्रिय हो रही है। ऑनलाइन माध्यमों amazon, flipkart और pustakmandi पर ये किताब उपलब्ध है।
लेखक रवि वल्लूरी का परिचय
वर्तमान में लेखक श्री रवि वल्लूरी छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड और छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेलवे लिमिटेड में बतौर मुख्य कार्यकारी प्रबंधक (सीईओ) के तौर पर कार्यरत हैं। इंडियन रेलवे ट्रैफिक सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद रेलवे की बड़ी परियोजना का नेतृत्व करते हुए इन्होंने अपनी लेखनी को विराम नहीं दिया। उनकी पहली पुस्तक The matter of the Mind खासी लोकप्रिय रही, जिसका तेलुगू में भी अनुवाद किया गया। श्री वल्लूरी की प्रथम पुस्तक के अलावा कई पुस्तकों का लोकार्पण खुद आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने किया है। श्री रवि वल्लूरी आर्ट ऑफ लिविंग के सीनियर फैकल्टी भी हैं। श्री रवि वल्लूरी की अब तक दर्जन भर से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। सीईओ के तौर पर लेखक श्री रवि वल्लूरी अपनी व्यस्तता के बीच भी रचनात्मकता को जीवंत रख सके हैं, तो इसके पीछे वे अपनी धर्म पत्नी श्रीमति लक्ष्मी वल्लूरी को श्रेय देते हैं। जो किताब के लेखन, प्रकाशन और वितरण हर कदम पर उनका सहयोग करती हैं।
श्री रवि वल्लूरी बतातें हैं कि वे महाकाव्य महाभारत, पंचतंत्र की कहानियों और जैन कहानियों से खासे प्रेरित हैं। क्योंकि इसमें मानवीय भावनाओं और मानव व्यवहार को समग्रता से दर्शाया गया है। जो आज भी हमारे आधुनिक परिवेश के जीवन में पूरी तरह प्रासंगिक है। रवि वल्लूरी के मुताबिक जीवन एक synodic curve की तरह है। जिसमें उथल-पुथल, उतार-चढ़ाव और कुछ महान क्षण अवस्यंभावी हैं। जीवन को ब्लैक एण्ड व्हाइट के नजरिये से नहीं देखा जा सकता है, बल्कि इसपर भूरे रंग की बड़ी छाया अवश्य पड़ती है। रवि वल्लूरी की कहानियां कहीं न कहीं पौराणिक पात्रों मसलन कर्ण, अर्जुन, द्रोणाचार्य, बुद्ध, अश्वत्थामा, भीष्म, दुर्योधन, शकुनि व पंचतंत्र के नायकों और खलनायकों से प्रभावित है।
- विजय कुमार