ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा फर्स्ट नीति का ऐलान कर दिया है। इस नीति के मुताबिक कंपनियों को नौकरी में अब कनाडाई नागरिकों को प्राथमिकता देनी होगी। अगर कोई कंपनी विदेशी को नौकरी पर रखती है, तो उसे बताना होगा कि उसे इस पोस्ट के लिए कनाडा में योग्य उम्मीदवार नहीं मिला। ट्रूडो के मुताबिक यह निर्णय अस्थाई है, जिसे देश की आबादी में हो रहे इजाफे को रोकने के लिए लिया गया है।
2022 में मजदूरों की कमी के चलते नए नियम बनाए
बता दें, कनाडा सरकार ने कोरोना महामारी के बाद 2022 में मजदूरों की कमी के चलते नए नियम बनाए थे। इसमें विदेशी लोगों को रोजगार से जुड़े प्रतिबंधों में छूट दी गई थी। साथ ही उनकी सैलरी को भी बढ़ाया गया था। तब इसे अस्थाई विदेशी कर्मचारी कार्यक्रम नाम दिया गया। कनाडा सरकार के इस फैसला का भारतीय छात्रों को काफी फायदा मिला। छात्रा अपनी पढ़ाई के साथ-साथ वहां पार्ट टाइम जॉब भी करने लगे।
2023 में कुल 1.83 लाख अस्थाई कर्मचारियों में से 27 हजार भारतीय
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा में 2023 में भारतीय अस्थाई कर्मचारियों की संख्या, कुल 1.83 लाख अस्थाई कर्मचारियों में से 27 हजार भारतीय थे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 2024 में करीब 13,35,878 भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ रहे हैं। इसमें से सबसे ज्यादा कनाडा में 4.27 लाख छात्रा हैं।
‘कनाडा को अपनी जनसंख्या स्थिर करने की आवश्यकता’
प्रधानमंत्री ट्रडो ने कहा कि कोरोना के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से हमारी इकोनॉमी का जो नुकसान हुआ था, उससे उबरने में अप्रवासियों ने अहम योगदान दिया है, लेकिन अब इसमें बदलाव लाने की जरूरत है। कनाडा को अपनी जनसंख्या स्थिर करने की आवश्यकता है।
Shashi Rai