केंद्र सरकार ने 23 दिसंबर,2024 को एक बड़ा फैसला लेते हुए 5वीं और 8वीं क्लास के लिए नो-डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया है। आसान भाषा में कहें तो इन क्लास में पढ़ने वाले छात्रों को प्रमोट नहीं किया जाएगा। हालांकि उन्हें दूसरा मौका दिया जाएगा जिससे वो फिर से एग्जाम लिख कर पास हो सकें। छात्रों के ये परीक्षा दो महीनों के अंदर देनी होगी। लेकिन इस एग्जाम में भी छात्र अगर फेल हो जाते हैं, तो उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएग। सरकार के इस फैसला का केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों सहित करीब 3 हजार से ज्यादा स्कूलों पर इसका असर पड़ेगा।

16 राज्य, दो केंद्र शासित प्रदेशों में पहले से ही खत्म है ये पॉलिसी

बता दें, साल 2019 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act) में संशोधन के बाद, करीब 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही 5वीं और 8वीं कक्षाओं के लिए नो-डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया था।

शिक्षा में सुधार के लिए उठाया कदम

सरकार की तरफ से यह कदम शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए उठाया गया है। क्योंकि इन दोनों क्लासों को बुनियादी शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। सरकार का उद्देश्य छात्र और अध्यापक दोनों को शिक्षा के प्रति जिम्मेदार बनाना है। मीडिया से बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार ने कहा कि यह फैसला बच्चों की पढ़ाई के परिणाम सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है। कुमार के मुताबिक बच्चों की सीखने की क्षमता में गिरावट को रोकने के लिए इस कदम को ज़रूरी समझा गया.

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