सरकार ने 1 फरवरी 2025 को जो बजट पेश किया था, उसके बदलाव अब 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएंगे। इनमें टैक्स छूट, निवेश पर नए नियम, और महंगाई पर असर जैसे कई महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं।
आइए जानते हैं 6 बड़े बदलाव, जो आपकी जेब पर सीधा असर डालेंगे।

1. टैक्स स्लैब में बदलाव – मिडिल क्लास को बड़ी राहत:

अब 12 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं!

पहले सिर्फ ₹7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट थी, लेकिन अब इसे ₹12 लाख तक बढ़ा दिया गया है।

Poultary

अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो ₹75,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन जोड़कर आपकी टैक्स फ्री इनकम ₹12.75 लाख हो जाएगी।

20 से 24 लाख की इनकम वालों के लिए नया टैक्स स्लैब – अब 25% टैक्स लगेगा। पहले 15 लाख के ऊपर 30% टैक्स देना होता था।

2 . किराए की इनकम और बैंक ब्याज पर टैक्स में छूट:

TDS लिमिट बढ़ी – कम टैक्स कटेगा!

अगर आप रेंट से कमाई करते हैं, तो ₹6 लाख तक कोई TDS नहीं कटेगा। पहले यह सीमा सिर्फ ₹2.4 लाख थी।

सीनियर सिटिजन्स को फायदा: FD पर मिलने वाले ब्याज की TDS छूट ₹50,000 से बढ़कर ₹1 लाख हो गई है।

फ्रीलांसर और प्रोफेशनल्स के लिए भी छूट – पहले ₹30,000 तक ही TDS छूट थी, अब यह ₹50,000 तक बढ़ गई है।

3 . विदेश में पढ़ाई के लिए पैसा भेजना अब सस्ता:

TCS छूट 7 लाख से बढ़कर 10 लाख हुई!

अब 10 लाख तक विदेश में पढ़ाई के लिए पैसा भेजने पर कोई टैक्स (TCS) नहीं कटेगा। पहले यह सीमा 7 लाख थी।

अगर एजुकेशन लोन लेकर पैसा भेज रहे हैं, तो TCS बिल्कुल नहीं कटेगा।

4. टैक्स रिटर्न में सुधार के लिए ज्यादा समय:

अब 48 महीने तक अपडेट कर सकते हैं टैक्स रिटर्न!

पहले गलती सुधारने के लिए सिर्फ 24 महीने का समय मिलता था, अब इसे 48 महीने (4 साल) कर दिया गया है।

हालांकि, 36 महीने के बाद रिटर्न फाइल करने पर ज्यादा पेनल्टी (60-70%) देनी होगी।

5. यूलिप (ULIP) पर अब कैपिटल गेन टैक्स:

अगर आपका यूलिप प्रीमियम ₹2.5 लाख से ज्यादा है, तो टैक्स देना होगा!

पहले यूलिप को टैक्स-फ्री इन्वेस्टमेंट माना जाता था, लेकिन अब इस पर टैक्स लगेगा।

12 महीने से ज्यादा रखने पर 12.5% टैक्स और 12 महीने से कम रखने पर 20% टैक्स लगेगा।

6. सस्ता और महंगा: कस्टम ड्यूटी का असर:

सरकार हर साल बजट में कुछ प्रोडक्ट्स पर कस्टम ड्यूटी (आयात शुल्क) बढ़ाती या घटाती है। इसका असर उन चीजों की कीमतों पर पड़ता है जो विदेशों से भारत में आती हैं।

अगर कस्टम ड्यूटी घटती है: तो उन प्रोडक्ट्स को आयात करना सस्ता हो जाता है, जिससे उनकी कीमतें भी कम हो सकती हैं। यानी, लोग उन्हें पहले से सस्ते दामों पर खरीद पाएंगे।

अगर कस्टम ड्यूटी बढ़ती है: तो उन चीजों को विदेश से मंगाना महंगा हो जाएगा, जिससे उनकी कीमतें भी बढ़ सकती हैं। यानी, ग्राहक को ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं।

ये चीजें सस्ती हो सकती हैं:

  • महंगी लग्जरी कारें – अगर कार की कीमत 40 हजार डॉलर (लगभग 33 लाख रुपये) से ज्यादा है या उसका इंजन 3000 CC से बड़ा है, तो वह सस्ती हो सकती है।
  • 1600 CC तक की बड़ी बाइक – विदेश से पूरी बनी हुई (CBU) मोटरसाइकिलें, जिनका इंजन 1600 CC से कम है, अब कम कीमत में मिल सकती हैं।
  • जीवनरक्षक दवाएं – 36 गंभीर बीमारियों के इलाज में काम आने वाली दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटा दी गई है, जिससे उनका इलाज सस्ता होगा।
  • इलेक्ट्रिक वाहन (EV) – सरकार ने बैटरी बनाने में लगने वाली 35 मशीनों पर टैक्स हटा दिया है, जिससे EV की लागत कम होगी और वे सस्ते हो सकते हैं।
  • मोबाइल बैटरियां – मोबाइल बैटरी बनाने के लिए जरूरी 28 मशीनों पर कस्टम ड्यूटी नहीं लगेगी, जिससे बैटरियों की कीमत कम हो सकती है।

ये चीजें महंगी हो सकती हैं:

  • स्मार्ट मीटर – बिजली की खपत मापने वाले स्मार्ट मीटर महंगे हो सकते हैं।
  • सौर सेल – सोलर पैनल में इस्तेमाल होने वाले सौर सेल की कीमत बढ़ सकती है।
  • आयातित जूते – जो जूते विदेश से मंगाए जाते हैं, वे अब महंगे हो सकते हैं।
  • आयातित मोमबत्तियां – विदेश से लाई गई मोमबत्तियों की कीमत बढ़ सकती है।
  • नौकाएं और जहाज – बाहर से आयात की जाने वाली नावें और बड़े जहाज महंगे हो सकते हैं।
  • PVC से बनी चीजें – PVC फ्लेक्स फिल्म, शीट और बैनर की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
  • निटिंग प्रोसेस से बने कपड़े – खास तरीके से बुने गए कपड़े महंगे हो सकते हैं।
  • LCD/LED टीवी – विदेश से आने वाले टीवी की कीमत बढ़ सकती है।
Shashi Rai
Bharati Cement

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