NEET-PG परीक्षा को पोस्टपोन करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि 5 छात्रों के लिए 2 लाख छात्रों के करियर को खतरे में नहीं डाल सकते। यह परीक्षा 11 अगस्त को होने वाली है। याचिका में दावा किया गया था कि उम्मीदवारों को ऐसे शहर आवंटित किए गए हैं, जहां पहुंचना उनके लिए आसान नहीं है। साथ ही मांग की गई थी कि इसे खारिज कर दिया जाए। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की तीन बेंच ने सुनवाई की।
‘हम इतने लोगों के करियर को खतरे में नहीं डाल सकते’
सीजेआई ने कहा, ”हम ऐसी परीक्षा को कैसे स्थगित कर सकते हैं। आजकल लोग बस परीक्षा स्थगित करने के लिए कहते हैं। यह एक परफेक्ट दुनिया नहीं है। हम एकेडमिक एक्सपर्ट नहीं हैं। बेंच ने कहा कि सिद्धांत के तौर पर हम परीक्षा को पोस्टपोन नहीं कर सकते। दो लाख छात्र और 4 लाख अभिभावक हैं जो इसे स्थगित करने पर वीकेंड में रोएंगे। हम इतने लोगों के करियर को खतरे में नहीं डाल सकते। हमें नहीं पता कि इन याचिकाओं के पीछे कौन है।”
‘ऐन परीक्षा से पहले हम इसे टालने का आदेश नहीं दे सकते’
दरअसल, यह परीक्षा पहले 23 जून को होने वाली थी, पर पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद एतिहात के तौर पर परीक्षा की डेट आगे बढ़ा दी गई थी। याचिकाकर्ताओं ने यह दलील दी कि परीक्षा दो बैच में आयोजित होगी, जिससे मनमानी की आशंका बढ़ सकती है। हालांकि तमाम दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐन परीक्षा से पहले हम इसे टालने का आदेश नहीं दे सकते। इस मौके पर इस तरह का आदेश देना संभव नहीं है।
Shashi Rai