आज भारत के हर युवा के आंखों में एक सपना है और उसे पूरा करने का जुनून है। यही वजह है कि भारत हर दिन विकास के एक नए पायदान पर चढ़ रहा है। इस बदलाव के पीछे हम भारत के बड़े बिजनेस टायकूंस को मान सकते हैं, जिनके योगदान से देश का विकास तो हुआ ही, साथ ही युवाओं में सपने देखने का साहस भी आया है। इन्हीं बिजनेस टायकूंस में से आज दो बड़े और महान उद्योगपतियों ‘रतन टाटा’ और ‘धीरूभाई अंबानी’ का जन्मदिन है। जिन्होंने अपनी मेहनत और सोच के दम पर देश का नाम रोशन किया।

रतन टाटा

इनका नाम लेते ही सुख, समृद्धि और शांति का एहसास होता है। हमारे यहां जब भी कोई बड़ी-बड़ी बात करता है तो लोग कहते हैं- अपने-आप को ‘टाटा’ समझ रहा है। दरअसल टाटा मतलब अमीरी। रतन टाटा अमीर तो थे ही, लेकिन दिलदार भी बहुत थे। उनको जानवरों से बहुत लगाव था और देश की आम जनता के जीवन में हमेशा सुधार हो ऐसी सोच थी उनकी। यही वजह थी की नैनो कार उन्होंने बारिश में भीगते परिवार को देखकर बनाई थी।

एक इंटरव्यू के दौरान जब उनसे एक लाख रुपए की कार बनाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि, ” मैं बहुत से भारतीय परिवारों को स्कूटर पर सवारी करते देखता था। लोग स्कूटर से चलते थे, उनके आगे एक बच्चा खड़ा होता था, पीछे पत्नी बच्चे को बांहों में लिए बारिश में भीगी फिसलन वाली सड़कों पर सफर करती थीं। हादसे का खतरा होता था। मैंने सोचा कि ये एक परिवार के लिए कितना खतरनाक सफर है। क्या हम ऐसे परिवार को सुरक्षित सवारी दे सकते हैं। इसके बाद हमने छोटी कार बनाने का फैसला किया।”  

Poultary

रतन टाटा एक बहुत बड़े देशभक्त थे। जब-जब देश को ज़रूरत पड़ी वो पूरी ताकत के साथ खड़े रहे। 26/11 जब हमला हुआ था तब उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से कहा था कि होटल में मौजूद सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के बाद पूरी प्रॉपर्टी को बम से उड़ा दो एक भी आतंकवादी बचना नहीं चाहिए।
वहीं जब कोरोना ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया, उसका बड़ा असर भारत पर भी पड़ा, तब भी देश की मदद के लिए रतना टाटा सबसे पहले आए। आज हमारे बीच तो वो नहीं है, लेकिन पूरा देश उनके 87वां जन्मदिन पर याद कर रहा है।

धीरूभाई अंबानी

धीरूभाई अंबानी ने भारतीय कपड़ा उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने पॉलिएस्टर फिलामेंट यार्न के प्रोडक्शन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने और उसे ग्लोबली कॉम्पिटिटिव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फिर उन्होंने 1990 के दशक में टेलिकॉम सेक्टर में आने का फैसला किया। उनका उद्देश्य था कि कम लागत में भारत के सभी लोगों तक कम्युनिकेशन सर्विस पहुंचाई जा सके।

धीरूभाई अंबानी को एक शानदार टीम लीडर माना जाता था। उनकी कंपनी का एक छोटा कर्मचारी भी उनके केबिन में आ सकता था और अपनी समस्या बता सकता था। अंबानी हर कर्मचारी की समस्या सुनते और हल करते थे। इस देश को दिशा देने वाले धीरूभाई अंबानी का आज 92वां जन्मदिन है।

ShaShi Rai

Bharati Cement

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