अमेरिका और जापान ने शुक्रवार को रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों की घोषणा कर दी । अमेरिकी विभाग के मुताबिक, अमेरिका ने रूस की 200 से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों के साथ 180 से अधिक जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इसके अलावा, दो भारतीय कंपनियां, स्काईहार्ट मैनेजमेंट सर्विसेज और एविजन मैनेजमेंट सर्विसेज पर भी बैन लगाया गया है, क्योंकि इन कंपनियों ने रूस से LNG का ट्रांसपोर्ट किया था, जो अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन है।
जापान ने भी कई रूसी नागरिकों और कंपनियों की संपत्तियां फ्रीज कर दी हैं और उन संगठनों के खिलाफ भी प्रतिबंध लगाए हैं, जिन्होंने रूस को पहले के प्रतिबंधों से बचने में मदद की थी।
अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण कच्चे तेल की कीमतें 3% तक बढ़ गईं, और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई। इन प्रतिबंधों के कारण भारत और चीन को रूस से तेल आयात करने में मुश्किल हो सकती है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का कहना है कि इन प्रतिबंधों से रूस की ऊर्जा आय में कमी आएगी, जिससे उसे यूक्रेन के खिलाफ युद्ध जारी रखने में आर्थिक मुश्किलें होंगी।
जापान ने नॉर्थ कोरिया और जॉर्जिया के एक बैंक पर भी प्रतिबंध लगाए हैं, जो रूस की मदद कर रहे थे। जापान सरकार ने कहा कि ये प्रतिबंध यूक्रेन के लिए उनकी मदद की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं।
Shashi Rai