यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ग्रेजुएशन 2025-26 एकेडमिक ईयर से ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी करने के लिए एक नए लचीले दृष्टिकोण पर काम कर रहा है। इसके तहत ग्रेजुएशन डिग्री जो 3 से 4 साल में होती है, उसे छात्र अब दो से ढाई साल में कर सकेंगे। इसकी जानकारी UGC चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने आईआईटी मद्रास के एक प्रोग्राम में गुरुवार को दी। IIT मद्रास के डायरेक्टर वी कामाकोटी ने इस पॉलिसी का सुझाव दिया था। इस पर UGC लंबे समय से काम कर रहा है।
इससे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत UGC डिग्री के बीच ब्रेक लेने का ऑप्शन भी छात्रों के लिए ला चुका है। अगर कोई छात्र चाहे तो वह कोर्स से ब्रेक ले सकता है और बाद में वापस आकर इसे पूरा कर सकता है। इसे लेकर UGC चेयरमैन ने कहा कि हमारा काम छात्रों को क्रिटिकल थिंकर बनाना है। हम उन्हें ऐसा बनाना चाहते हैं जिससे वो देश के विकास में मदद कर सकें।
साथ ही उन्होंने कहा कि UGC पहले ही कई एंट्रेंस और एग्जिट ऑप्शन दिए हैं, ताकि कमजोर छात्र ब्रेक ले सकें और अपनी पसंद के अनुसार सिलेबस पूरा कर सकें। हमारा उद्देश्य छात्रों को ज्यादा मौके देगा।
आगे कुमार ने कहा कि 12-13 नवंबर को दिल्ली में हायर एजुकेशन की बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NEP 2020 की प्रोग्रेस को रिव्यू किया और इसे लागू करने की बात कही है। पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों ने शिक्षा नीति का विरोध किया। इन राज्यों ने चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम शुरू किए।
Shashi Rai