सरकार पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (ATF) के निर्यात पर अप्रत्याशित प्रॉफिट टैक्स के असर की समीक्षा करेगी। दरअसल, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें स्थिर हो गई हैं, इसीके मद्देनज़र सरकार ने यह कदम उठाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार जुलाई 2022 में पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन ईंधन (ATF)पर निर्यात कर लगाने का फैसला किया था।, वो इसलिए कि घरेलू आपूर्ति की कीमत पर ईंधन के निर्यात पर कुछ तेल रिफाइनरियों को अच्छा-खासा मुनाफा हुआ था।

पिछली बार 21 अगस्त को हुई थी समीक्षा

सरकार की तरफ से बीते 31 अगस्त को इसकी समीक्षा की गई थी। उस वक्त पेट्रोलियम पर अप्रत्याशित लाभ कर 1,850 रुपए प्रति टन निर्धारित किया गया था। डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन या एटीएफ के निर्यात पर एसएईडी को 18 सितंबर से शून्य पर यथावत रखा गया है। बता दें, भारत ने पहली बार 1 जुलाई 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था, इसके साथ ही वह उन देशों की सूची में शामिल हो गया जो ऊर्जा कंपनियों के असाधारण लाभ पर कर लगाते हैं।

 प्राकृतिक गैस को GST के दायरे में लाने पर विचार

खबर ये भी है कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा (GST) के दायरे लाने पर विचार करने के लिए वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है। अब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद को इस प्रस्ताव पर फैसला लेना है।

Poultary
Shashi RAI
Bharati Cement

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here