Ukrainian President Zelensky has confidence in India, said- 'We want the second Ukraine Peace Summit to be held in Delhi'
Ukrainian President Zelensky has confidence in India, said- 'We want the second Ukraine Peace Summit to be held in Delhi'

रूस-यूक्रेन युद्ध जब से शुरू हुआ है, दोनों देशों ने काफी कुछ खोया है। वहीं दुनियाभर के अन्य देशों पर भी इसका काफी प्रभाव पड़ा। यही वजह रही है कि इस युद्ध को समाप्त करने की चर्चा विश्व भर में लगातार हो रही है। भारत तो जब से जंग शुरू हुई है, तब से यह बात कहता आ रहा है कि ‘यह दौर युद्ध का नहीं है।’ इस साल प्रधानमंत्री मोदी दो बार रूस और एक बार यूक्रेन का दौरा कर चुके हैं। दोनों देशों के नेताओं के साथ वह बातचीत के माध्यम से जंग रोकने की बात भी कह चुके हैं। BRICS समिट से पीएम मोदी के लौटने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति ने एक बार फिर भारत पर भरोसा जताया है और कहा है कि पीएम मोदी इस जंग को रुकवा सकते हैं।

‘दूसरी यूक्रेन पीस समिट’ नई दिल्ली में हो- जेलेंस्की

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है कि वो चाहते है कि ‘दूसरी यूक्रेन पीस समिट’ नई दिल्ली में हो। पीएम मोदी चाहें तो ऐसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि आबादी और इकोनॉमी के हिसाब से मोदी एक बहुत बड़े देश के प्रधानमंत्री हैं। किसी भी संघर्ष को रोकने में भारत और वहां के प्रधानमंत्री का बड़ा असर हो सकता है। पीएम मोदी की तरफ से यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत कराने की संभावना पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल, वे ऐसा कर सकते हैं।

रूस पर प्रतिबंध का असर पड़ा है- जेलेंस्की

हालांकि, जहां एक तरफ जेलेंस्की चाहते हैं कि भारत बातचीत के जरिए इस युद्ध को समाप्त करने का रास्ता निकालने में मदद करे, वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन की मंशा ये भी है कि भारत, चीन, तुर्की और बाकी बड़े देश रूस पर प्रतिबंध लगाकर पुतिन को जंग रोकने के लिए मजबूर करें। इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा कि रूस की इकोनॉमी को कमजोर कर जंग को रोका जा सकता है। कई लोगों बोलते हैं कि प्रतिबंध से रूस पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन सच्चाई ये है कि थोड़ा ही सही पर रूस पर इसका असर पड़ा है। भारत, चीन, तुर्की और बाकी बड़े देश भी रूस पर अगर प्रतिबंध लगा दें तो पुतिन जंग रोकने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

Poultary

स्विट्जरलैंड में हुई पहली पीस समिट

आपको बता दें, जेलेंस्की की पहली ‘पीस फॉर्मूला समिट’ जून 2024 में स्विट्जरलैंड में आयोजित हुई थी, जिसमें 92 देशों के अलावा 8 इंटरनेशनल NGO ने भी हिस्सा लिया था। भारत भी इसमें शामिल हुआ था। अब जेलेंस्की अगली समिट भारत में कराने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। पिछली समिट में यूक्रेन के राष्ट्रपति अपनी 10 पॉइंट्स के जरिए दुनियाभर के ज्यादातर देशों से मदद मांग चुके हैं, इनमें यूक्रेन से रूसी सेना को हटाना, तबाह हुए इंफ्रास्ट्रक्चर को दोबारा ठीक करना, युद्ध से आई महंगाई पर कंट्रोल, सैनिकों और उनके परिवारों को हर तरह से मदद करने जैसी बात शामिल हैं।

Shashi Rai
Bharati Cement

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