इंडियन नेवी 29 अगस्त, 2024 के बाद और ज्यादा ताकतवर हो जाएगी। क्योंकि भारत की दूसरी न्यूक्लियर सबमरीन ‘अरिघात’ गुरुवार को नेवी में शामिल हो रही है। यह सबमरीन INS अरिहंत का अपग्रेड वर्जन है। इसे विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना के शिप बिल्डिंग सेंटर ( SBC) में बनाया गया था। अरिहंत की तरह अरिघात भी 750 किलोमीटर की रेंज वाली K-15 मिसाइलों से लैस होगी।
समुद्र के अंदर मिसाइल हमला करने में सक्षम
INS अरिघात समुद्र के अंदर मिसाइल हमला करने में उसी तरह सक्षम है, जिस तरह अरिहंत ने 14 अक्टूबर, 2022 को टेस्टिंग की थी। तब अरिहंत से K-15 SLBM की सफल टेस्टिंग की गई थी। इसीके के साथ भारत अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के अलावा दुनिया का छठा न्यूक्लियर ट्रायड देश बन गया था।
अब तक 3 न्यूक्लियर सबमरीन तैयार
भारतीय नौसेना अब तक 3 न्यूक्लियर सबमरीन तैयार कर चुकी है। इनमें से एक अरिहंत, दूसरी अरिघात है। वहीं तीसरी S3 पर टेस्टिंग जारी है। इन सबमरीन की मदद से दुश्मन देशों पर परमाणु मिसाइल दागी जा सकती है।
भारत ने 73 हजार अमेरिकी राइफल्स का दिया ऑर्डर
सेना को पूरी तरह से ताकतवर बनाने में जुटी भारत सरकार एक तरफ जहां अपने देश में हथियारों का निर्माण कर रही है, वहीं जरूरत के हिसाब से विदेशों से भी वेपंस को मंगाने का सिलसिला जारी है। इसीके तहत भारत ने अमेरिका से 73 हजार सिग सॉ (SiG Sauer) असॉल्ट राइफल्स का दूसरा ऑर्डर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस डील को भारत ने 837 करोड़ रुपए में साइन किया है। इसकी डिलीवरी के बाद भारतीय सेना के पास 1.45 लाख से ज्यादा SiG-716 असॉल्ट राइफल्स हो जाएंगी।
Shashi Rai