केंद्र सरकार ने एविशन टर्बाइन फ्यूल (ATF), पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED) यानी विंडफॉल टैक्स को हटा दिया है। अब पेट्रोल-डीजल का एक्सपोर्ट करने वाली रिफाइनिंग कंपनियों को कोई विंडफॉल टैक्स नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही सरकार ने क्रूड प्रोडक्टस पर लगाए जाने वाले विंडफॉल टैक्स को भी हटा दिया है। सोमवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नोटिफिकेशन पेश किया जिसमें यह जानकारी दी गई थी।
तीन महीने पहले, सरकार ने घरेलू क्रूड ऑयल के एक्सपोर्ट पर लगाए गए विंडफॉल टैक्स को घटाया था। सरकार ने इसे 2,100 रुपए प्रति मीट्रिक टन से घटाकर 1,850 रुपए प्रति मीट्रिक टन कर दिया, जो 31 अगस्त से लागू हुआ। सरकार हर 15 दिन में विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है।
इससे पहले, 16 अगस्त को सरकार ने विंडफॉल टैक्स को 4,600 रुपए प्रति मीट्रिक टन से घटाकर 2,100 रुपए प्रति मीट्रिक टन कर दिया था, जिससे अगस्त में कुल 59.78% टैक्स में कमी आई। इसके अलावा, सरकार ने डीजल, पेट्रोल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) पर एक्सपोर्ट ड्यूटी को शून्य पर बनाए रखने का फैसला किया है।
इसका मतलब है कि घरेलू रिफाइनिंग कंपनियों को डीजल, पेट्रोल और ATF के निर्यात पर राहत मिलती रहेगी, जिससे उन्हें फायदा होगा।
ब्रेंट क्रूड की कीमतों में बदलाव के साथ ही विंडफॉल टैक्स को भी बदलने का काम होता है। केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2022 को पहली बार विंडफॉल टैक्स लागू किया था। वर्तमान में कई देशों में एनर्जी कंपनियों की भारी कमाई पर टैक्स लिया जाता है।
विंडफॉल टैक्स तब लागू किया जाता है जब तेल कंपनियों को किसी विशेष स्थिति के कारण अचानक अधिक लाभ होता है। फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई, जिससे तेल कंपनियों को भारी फायदा हुआ। इस कारण सरकार ने इन कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लागू किया।
Shashi Rai