जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत अशांत है। देश के लोग सकते में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़कर वापस लौट आए हैं। गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर में हैं। बैठकों का दौर जारी है, सेना अलर्ट है। और बहुत जल्द उन आतंकियों को सबक सिखाने की कोशिश में है जिन्होंने भेड़ियों की तरह मासूम लोगों पर हमला किया है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सहित दुनिया भर के नेता इस आतंकी हमले को लेकर दुख जता रहे हैं। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तुर्की में पहुंचकर गाजा में हुए 50,000 निर्दोष लोगों की हत्या की निंदा कर रहे हैं, इसके साथ ही जम्मू कश्मीर का राग अलाप रहे हैं। पर उनके वहां जो आतंकी पल रहे हैं, दूसरे देश में जाकर हमले कर रहे हैं, उसपर वो चुप हैं।
दरअसल, पहलगाम में जिन आतंकियों ने हमला किया है, उनमें दो पाकिस्तानी आतंकियों के होने की खबर है। बताया जा रहा है कि हमले में दो स्थानीय आतंकी भी शामिल थे। सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच भी जारी किए हैं। सूत्रों के मुताबिक, हमला करने वाले दो आतंकी पश्तून भाषा में बात कर रहे थे, जिससे संकेत मिलता है कि वो पाकिस्तान से थे। वहीं दो स्थानीय आतंकियों की पहचान आदिल अहमद ठाकुर और आसिफ शेख के रूप में हुई है। आपको बाता दें, आतंकी AK-47 के साथ बॉडीकैम से लैस थे ताकि इस घटना को रिकॉर्ड किया जा सके। इतनी तैयारी के साथ आए ये आतंकी पहले लोगों का नाम पूछ रहे थे, फिर हमला कर रहे थे। मृतकों में UP, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटक हैं। इसमें नेपाल और UAE के एक-एक टूरिस्ट भी शामिल हैं, और 2 स्थानीय भी मारे गए हैं।
इस हमले में जिस तरह से लोगों का धर्म पूछकर, उनपर गोली चलाई गई है, आतंकियों की ये करतूत पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के उस बयान से मेल खाती है, जिसमें उन्होंने हिन्दुओं को मुस्लिमों से अगल बताते हुए कहा था कि हम साथ नहीं रह सकते। साथ ही उन्होंने कश्मीर को इस्लामाबाद के ‘गले की नस’ भी बताया था।
आपको बता दें, हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी विंग ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है। वहीं इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक पहलगाम हमले का मास्टर माइंड सैफुल्लाह खालिद है। जो पाक अधिकृत कश्मीर यानी POK से ऑपरेट करता है। इसकी लोकेशन रावलकोट बताई गई है। बता दें, सैफुल्लाह ने एक महीने पहले हमले की चेतावनी भी दी थी। इतना ही नहीं साल 2019 का इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें इसने कहा था कि कश्मीर का मसला ठंडा नहीं होने देना है।
आपको बता दें, भारत सरकार जम्मू-कश्मीर को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। सालों बाद पिछले साल यहां शांतिपूर्वक विधानसभा चुनाव संपन्न हुए। आज यह प्रदेश हर दिन प्रगति कर रहा है, यहां के लोग यहां हो रहे विकास को देखकर काफी उत्साहित हैं। शायद यही चीज आतंकियों को पसंद नहीं आ रही, और टाइमिंग देखकर यहां के लोगों को अस्थिर करने की कोशिश में जुटे हैं, ताकि दुनिया को बताया जा सके कि जम्मू-कश्मीर में सबकुछ ठीक नहीं है। क्योंकि जिस वक्त पहलगाम में हमला हुआ, उस वक्त अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपने पूरे परिवार के साथ भारत में मौजूद थे।
ऐसा ही 20 मार्च 2000 में भी हुआ था, जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा से ठीक एक दिन पहले, आतंकियों ने अनंतनाग में करीब 36 सिख लोगों की हत्या कर दी थी।
वहीं इस हमले के बाद कश्मीर के लोगों का कहना है कि आतंकियों ये हमले, हमें कहीं का नहीं छोड़ेंगे । हमारे काम बंद करवा देंगे। कितने सालों बाद तो यहां शांति देखने को मिल रही थी। यहां की खूबसूरती देखने देश-और दुनियाभर से लोग आने लगे थे, इस बीच आतंकियों की इस हरकत ने हमारी रोजी-रोटी को खतरे में डाल दिया है।
Shashi Rai